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ज़िन्‍दाबाद--ज़िन्‍दाबाद।

राष्‍ट्रभाषा-मातृभाषा हिन्‍दी ज़िन्‍दाबाद।।

ज़िन्‍दाबाद- जि़न्‍दाबाद।

हिन्द की है शान हिन्दी

हिन्द की है आन हिन्दी

हिन्द का अरमान हिन्दी

हिन्द की पहचान हिन्दी

इसपे न उँगली उठे रहे सदा आबाद।

ज़िन्‍दाबाद-ज़िन्‍दाबाद।

वक्‍़त जन आधार का है

हिन्दी पर विचार का है

काम ये सरकार का है

जीत का न हार का है

हिन्दी से ही आएगा नया समाजवाद।

ज़िन्‍दाबाद- ज़िन्‍दाबाद।

हिन्दी को महत्व दें

हिन्दी को ममत्व दें

हिन्दी को निजत्‍‍व दें

हिन्दी को अपनत्‍व दें

हिन्दी में हो बातचीत और हर संवाद।

ज़िन्‍दाबाद- ज़िन्‍दाबाद।

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

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Comment

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Comment by Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' on September 3, 2014 at 8:57am

आभार श्रीयुत अखिलेशजी व भंडारीजी।

Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on August 27, 2014 at 12:48pm

आदरणीय गोपाल कृष्ण भाई 

हिन्दी की सुंदर महिमा गाई , हृदय  से मेरी बधाई ।

बोलें और लिखें हिन्दी, हिन्दी में करें हस्ताक्षर।     

न बदले कभी उच्चारण, ऐसे  हिन्दी के अक्षर॥                 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on August 25, 2014 at 8:34pm

आमीन | सुन्दर रचना | बधाई , आदरणीय

Comment by Dr. Gopal Krishna Bhatt 'Aakul' on August 25, 2014 at 7:49pm

प्रणाम। सभी का आभार। 

Comment by MAHIMA SHREE on August 25, 2014 at 5:47pm

वक्‍़त जन आधार का है

हिन्दी पर विचार का है

काम ये सरकार का है

जीत का न हार का है

हिन्दी से ही आएगा नया समाजवाद।

ज़िन्‍दाबाद- ज़िन्‍दाबाद।.... वाह अति उत्तम .. हार्दिक बधाई स्वीकार करें 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 25, 2014 at 3:35pm

ज़िन्दाबाद-ज़िन्दाबाद..

Comment by devendra vikram singh on August 24, 2014 at 10:53pm

सच है

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on August 24, 2014 at 8:43pm

हिन्दी को महत्व दें

हिन्दी को ममत्व दें

हिन्दी को निजत्‍‍व दें

हिन्दी को अपनत्‍व दें

हिन्दी में हो बातचीत और हर संवाद।

ज़िन्‍दाबाद- ज़िन्‍दाबाद।

 बहुत ही सुन्दर!

Comment by Meena Pathak on August 24, 2014 at 12:48pm

हिन्दी को महत्व दें

हिन्दी को ममत्व दें

हिन्दी को निजत्‍‍व दें

हिन्दी को अपनत्‍व दें

हिन्दी में हो बातचीत और हर संवाद।..........................बहुत उम्दा ..सादर बधाई 

 

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