For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हर कदम खुशियाँ मिले, सबकी कवायद जिस लिए है

राम जाने दर्द क्यों, हर दिल में आखिर किसलिए है

 

भीड़ को तो आपका ही, इक इशारा चाहिए  बस

पीछे-पीछे चल रहा  जो, हाथ में माचिस लिए है

 

लोग मुझसे कह रहे थे, आदमी, इंसान है यह

गौर से देखा, तो जाना, दिल-जिगर बेहिस लिए है

 

मैं लडूंगा जब यहाँ, हर काम उसका भी बनेगा

साथ मेरा दे रहा, यह शख्स अबतक इसलिए है

 

पीठ पीछे, जो यहाँ, मेरी शिकायत कर रहा था

सामने आया तो देखा, हाथ में नर्गिस  लिए है 

 

आज जिससे भी मिलाया,कल उसी से दूर हैं हम   

जिंदगी से कुछ शिकायत, लग रहा बस इसलिए है

                             बेहिस = भावना विहीन         

डॉ ललित

मौलिक और अप्रकाशित

 

Views: 456

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ketan Parmar on June 30, 2013 at 1:58pm
Sunder sirji
Comment by विजय मिश्र on June 29, 2013 at 5:00pm
जमीनी सच का सही मायने में मुआएना कराती है आपकी ये तल्ख़ गज़ल . बधाई लें भाई ललितजी .
Comment by Shyam Narain Verma on June 29, 2013 at 4:34pm

बहुत ही सुंदर व मर्मस्पर्शी रचना.......................

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on June 29, 2013 at 2:01am
""आज जिससे भी मिलाया,कलउसी सेदूरहैं हम

जिंदगी सेकुछशिकायत, लगरहा बसइसलिए है""...बहुत ही उम्दा गजल की पेशकश आदरणीय..डा.ललित सिंह जी, दाद कुबूल कीजीऐ
Comment by coontee mukerji on June 28, 2013 at 7:11pm

मैं लडूंगा जब यहाँ, हर काम उसका भी बनेगा

साथ मेरा दे रहा, यह शख्स अबतक इसलिए है

 

पीठ पीछे, जो यहाँ, मेरी शिकायत कर रहा था

सामने आया तो देखा, हाथ में नर्गिस  लिए है ...........मतलबी लोग पग पग पर मिल जाऐंगे.सुंदर प्रस्तुति.

सादर

कुंती

Comment by Sumit Naithani on June 28, 2013 at 3:48pm

पीठ पीछे, जो यहाँ, मेरी शिकायत कर रहा था

सामने आया तो देखा, हाथ में नर्गिस  लिए है ...शानदार

Comment by Madan Mohan saxena on June 28, 2013 at 11:53am

बहुत शानदार ग़ज़ल शानदार भावसंयोजन हर शेर बढ़िया है आपको बहुत बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
40 minutes ago
Shyam Narain Verma commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
42 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दिनेश जी, बहुत धन्यवाद"
43 minutes ago
Sanjay Shukla replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी, बहुत धन्यवाद"
44 minutes ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम जी सादर नमस्कार। हौसला बढ़ाने हेतु आपका बहुत बहुत शुक्रियः"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय "
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"जी ठीक है  मशविरा सब ही दे रहे हैं पर/ मगर ध्यान रख तेरे काम का क्या है ।"
1 hour ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय संजय शुक्ला जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई।"
2 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय मिथिलेश जी सादर नमस्कार। बहुत बहुत आभार आपका।"
2 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सादर नमस्कार। बहुत बहुत शुक्रियः आपका"
2 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय अमित जी सादर अभिवादन स्वीकार करें। अच्छी ग़ज़ल हेतु बधाई आपको।"
2 hours ago
DINESH KUMAR VISHWAKARMA replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"सम्माननीय ऋचा जी । बहुत बहुत आभार"
2 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service