रे मन करना आज सृजन वो जो भाव सागर पार करा दे .....स्वरचित गीत को आवाज़ देने की एक कोशिश
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Bahut Hi Sundarr Saras Bhaav ki Hridayik Anubhooti Huyee Hai
अहा! अति माधुर्य पूर्ण प्रस्तुति आदरणीया!
आपने स्वयं ही गाया ?
सुस्वर में गा कर आपने सुमधुर शब्दों के माधुर्य को
अपना उचित मान और स्थान दिया है, प्राची जी।
शुभेच्छु,
विजय
सस्वर प्रस्तुति को पसंद करने के लिए आपकी आभारी हूँ प्रिय महिमा जी, अल्पना जी .
आदरणीया प्राची जी . आपकी मधुर आवाज ने गीत में चार चाँद लगा दिया है ..बहुत ही सुंदर प्रस्तुति बधाई आपको
अति सुन्दर एवं मधुर प्रस्तुति !
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