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मै लिख दूंगा कोई गा देगा,

मेरा गीत अमर हो जायेगा।

अधरोँ पर शब्द मेरे होंगे

जिह्वा पर शब्द मेरे होंगे,

कण्ठो के उच्छवासोँ मे भी,

श्रवणोँ मे शब्द मेरे होंगे।

संगीत मे कोई सजा देगा,

मेरा गीत अमर हो जायेगा।

मै लिख...............

स्पन्दन मे; अजवन्दन मे,

परिहास और अभिनन्दन मे;

उत्साह और अभिलाषा मे,

करुणा मे निर्जन कानन मे।

शब्दो कि वायु बहा देगा,

मेरा गीत अमर हो जायेगा।

मै लिख................

प्रस्थान और आवाह्न मे,

श्रंगारकाल के दर्पण मे।

परिणय बेला चलचित्रो मे,

षडऋतुओ मे वन उपवन मे।

गुंजार से श्ब्द जगा देगा,

मेरा गीत अमर हो जायेगा।

मै लिख..............

....................................................

  ' मौलिक एव अप्रकाशित ' 

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Comment

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Comment by KALPANA BHATT ('रौनक़') on September 14, 2017 at 5:32pm

अच्छी रचना हुई है आगे सुधि जनों की बातों पर गौर करें | हार्दिक शुभकामनायें |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 13, 2017 at 9:45pm

आदरणीय अरुणेश भाई , इस प्रस्तुति के लिये आपको हार्दिक बधाई ।

Comment by ARUNESH KUMAR 'Arun' on September 12, 2017 at 8:20pm

सभी का बहुत-बहुत आभार, आदरणीय इसी प्रकार मेरा मनोबल बढ़ाते रहें| 

Comment by Mohammed Arif on September 12, 2017 at 2:30pm
आदरणीय अरुणेश जी आदाब, अच्छी प्रस्तुति । बधाई स्वीकार करें । गुणीजनों की बातों का संज्ञान लें ।
Comment by Mahendra Kumar on September 11, 2017 at 9:14pm

आ. अरुण जी, अच्छी प्रस्तुति है. पर यदि आप इसमें कुछ ऐसा ख़याल व्यक्त करते कि मैंने लिख तो दिया है पर अगर तू गा देगा तो मेरा गीत अमर हो जाएगा, तो यह और भी अच्छी प्रस्तुति हो जाती. मेरी तरफ़ से हार्दिक बधाई स्वीकार कीजिए. सादर.

Comment by Samar kabeer on September 11, 2017 at 7:19pm
जनाब अरुणेश कुमार'अरुण'जी आदाब,अच्छी रचना हुई है,इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।
कुछ टंकण त्रुटियां हैं,देखियेगा ।

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