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हौसला फिर कोई बड़ा रखिये

2122 1212 22

हौसला फिर कोई बड़ा रखिये ।
खुद के होने की इत्तला रखिये ।।

जिंदगी में सुकूँ ज़रूरी है ।
आसमां सर पे मत उठा रखिये ।।

बन्द मत कीजिये दरीचों को ।
इन हवाओं का सिलसिला रखिये ।।

हार जाएं न कोशिशें मेरी ।
मेरे खातिर भी कुछ दुआ रखिये ।।

खो न जाऊं कहीं जमाने में ।
हाल क्या है जरा पता रखिये ।।

दुश्मनी खूब कीजिये लेकिन ।
दिल से जुड़ने का रास्ता रखिये ।।

गर जमाने के साथ है चलना ।मुज़रिमों से भी वास्ता रखिये ।।

लोग मिलते यहां नकाबों में ।
कुछ हक़ीक़त यहां छुपा रखिये ।।

जिंदगी में सुकूँ ज़रूरी है ।
आसमां सर पे मत उठा रखिये ।।

है शुकूँ की अगर तलास बहुत ।
हुक्मरां से भी लस्तगा रखिये ।।

काम बिगड़े अगर बनाने हैं ।
तो खुशामद का पैतरा रखिये ।।

हो इजाज़त तो आप से कह दूं ।
पास अपने ये मशबरा रखिये ।।

बिक गया बाप पढाकर बेटा ।
काम के नाम घुनघुना रखिये ।।

नवीन मणि त्रिपाठी
मौलिक अप्रकाशित

Views: 755

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Comment by Naveen Mani Tripathi on July 19, 2017 at 11:28am
आ0 रवि शुक्ला साहब सादर आभार के साथ नमन ।
Comment by Ravi Shukla on July 19, 2017 at 11:11am

आदरणीय नवीन जी अच्‍छे मतले से शुरुआत की आपने और बाकी अशआर भी बहुत अच्‍छे है टंकण त्रुटियॉं हुई है उनको सुधार लीजियेगा  । मुबारक बाद पेश करते है ।

कृपया ध्यान दे...

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