For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मेरा कच्चा मकान क्या करता (ग़ज़ल 'राज')

२१२२  १२१२    २२

बात खाली मकान क्या करता

दास्ताँ वो बयान क्या करता 

 

पंख कमजोर हो गये मेरे  

लेके अब  आसमान क्या करता 

उसकी  सीरत ने छीन ली सूरत

उसपे सिंघारदान क्या करता 

 

रूठ जाते मेरे सभी अपने

चढ़के ऊँचे मचान क्या करता

 

नींव में झूठ की लगी दीमक 

लेके ऐसी दुकान क्या करता

 

बाढ़ में ढह गये महल कितने    

मेरा कच्चा मकान क्या करता

 

मौन सब थे निजाम की सुनकर

मैं चलाकर  जुबान क्या करता

 

मौलिक एवं अप्रकाशित 

 

Views: 1198

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 16, 2017 at 7:31pm

प्रिय कल्पना भट्ट जी ,आपका तहे दिल से शुक्रिया |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 16, 2017 at 7:31pm

आद० नरेंद्र कुमार सिंह जी ,आपका बहुत बहुत शुक्रिया .


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 16, 2017 at 7:30pm

आद० बृजेश कुमार 'ब्रज जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 16, 2017 at 7:27pm

मोहतरम जनाब खुर्शीद खैराडी जी ,आपका तहे दिल से शुक्रिया |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 16, 2017 at 7:26pm

आद० सुरेन्द्र नाथ जी ,आपका बहुत बहुत शुक्रिया |


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 16, 2017 at 7:24pm

आद० महेंद्र कुमार जी ,आपका तहे दिल से शुक्रिया .


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 16, 2017 at 7:23pm

आद० डॉ. गोपाल नारायण भाई जी ,आपको ग़ज़ल पसंद आई आपका बहुत बहुत शुक्रिया |मेरा लिखना सार्थक हो गया |


 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 16, 2017 at 6:56pm

आदरणीय समर भाई जी ,आपको ग़ज़ल पसंद आई आपका बहुत बहुत शुक्रिया |मेरा लिखना सार्थक हो गया | दो तीन दिनों से बाहर गई हुई थी आज ही लौटी हूँ इसलिए पोस्ट पर अभी पँहुची हूँ |



सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 16, 2017 at 6:54pm

आद० डॉ. आशुतोष   जी ,आपको ग़ज़ल पसंद आई आपका बहुत- बहुत शुक्रिया |



सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 16, 2017 at 6:49pm

आदरणीय रवि शुक्ल भैया  ,आपको ग़ज़ल पसंद आई आपका बहुत बहुत शुक्रिया | इस ग़ज़ल के मिसरे बहुत ज्यादा लिखे थे आपकी इस्स्लाह के अनुसार छोटी कर दी |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम. . . . रोटी
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। रोटी पर अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
4 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .मजदूर
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
5 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आदाब।‌ हार्दिक धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी 'मुसाफ़िर' साहिब। आपकी उपस्थिति और…"
7 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post कुंडलिया. . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर छंद हुए हैं , हार्दिक बधाई।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया छंद
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। प्रेरणादायी छंद हुआ है। हार्दिक बधाई।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on मिथिलेश वामनकर's blog post कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। अच्छी रचना हुई है। हार्दिक बधाई।"
8 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"आ. भाई शेख सहजाद जी, सादर अभिवादन।सुंदर और प्रेरणादायक कथा हुई है। हार्दिक बधाई।"
9 hours ago
Sheikh Shahzad Usmani replied to योगराज प्रभाकर's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-110 (विषयमुक्त)
"अहसास (लघुकथा): कन्नू अपनी छोटी बहन कनिका के साथ बालकनी में रखे एक गमले में चल रही गतिविधियों को…"
yesterday
pratibha pande replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"सफल आयोजन की हार्दिक बधाई ओबीओ भोपाल की टीम को। "
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on मिथिलेश वामनकर's blog post ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना
"आदरणीय श्याम जी, हार्दिक धन्यवाद आपका। सादर।"
Thursday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service