For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल(रमजान गया आई नज़र ईद मुबारक)

221 1221 1221 122

रमजान गया आई नज़र ईद मुबारक,
खुशियों का ये दे सबको असर ईद मुबारक।

घुल आज फ़िज़ा में हैं गये रंग नये से,
कहती है ये खुशियों की सहर ईद मुबारक।

पाँवों से ले सर तक है धवल आज नज़ारा,
दे कर के दुआ कहता है हर ईद मुबारक।

सब भेद भुला ईद गले लग के मनायें,
ये पर्व रहे जग में अमर ईद मुबारक।

ये ईद है त्योहार मिलापों का अनोखा,
दूँ सब को 'नमन' आज मैं कर ईद मुबारक।

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 904

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by नाथ सोनांचली on July 2, 2017 at 2:54pm
आद0 बासुदेव जी सादर अभिवादन। उम्दा गजल पर बधाई स्वीकारें।
Comment by vijay nikore on July 2, 2017 at 2:03pm

अच्छी गज़ल के लिए हार्दिक बधाई।

Comment by Tasdiq Ahmed Khan on June 28, 2017 at 12:58pm
मुहतरम जनाब बासुदेव साहिब, ईद पर अच्छी ग़ज़ल हुई है,मुबारकबाद क़ुबूल फरमायें
Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on June 27, 2017 at 5:34pm
आ0 श्याम नारायण वर्मा जी बहुत बहुत आभार।
Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on June 27, 2017 at 5:33pm
आ0 ब्रजेश कुमार जी आपका हृदय तल से आभार।
Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on June 27, 2017 at 5:32pm
आ0 समर कबीर साहिब ईद की बधाई और हौसला आफजाई का हृदय से आभार।
Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on June 27, 2017 at 5:30pm
आ0 महेंद्र कुमारजी आपके उत्साहवर्धन का हृदय से आभार।
Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on June 27, 2017 at 5:29pm
मोहम्मद आरिफ भाई जान आपको भी ईद की बहुत बधाई और ग़ज़ल में शिरकत का तहे दिल से शुक्रिया।
Comment by बासुदेव अग्रवाल 'नमन' on June 27, 2017 at 5:27pm
आ0 गोपाल नारायण जी आपका हृदय से आभार।
Comment by Shyam Narain Verma on June 27, 2017 at 5:03pm
बहुत खूब ! इस सुंदर गजल हेतु बधाई स्वीकारें ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"रजाई को सौड़ कहाँ, अर्थात, किस क्षेत्र में, बोला जाता है ? "
7 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"मार्गदर्शन के लिए हार्दिक आभार आदरणीय "
7 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय  सौड़ का अर्थ मुख्यतः रजाई लिया जाता है श्रीमान "
8 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"हृदयतल से आभार आदरणीय 🙏"
8 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
yesterday
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Tuesday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
Monday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service