For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आओ सजनी // रवि प्रकाश

आओ इक दूजे से कह लें
दिन का हाल रात की बातें
सौगातें हर बीते पल की
याद करें फिर से सजनी
रजनी ये फिर क्यों लौटेगी
जो बीत गई तो बीत गई
कल रीत नई चल निकलेगी
जब आएगा सूरज नूतन
उपवन-उपवन क्या बात चले
गलियों में कैसी हलचल हो
कलकल हो कैसी सरिता में
अम्बर का विस्तार न जाने
अनजाने रंगों में ढल कर
सारे जग पर छा जायेगा
गा पाएगा फिर भी क्या मन
वही प्रीत का गीत पुराना
वही सुहाना मौसम फिर से
लौटेगा क्या मन के गुलशन
धड़कन-धड़कन नाम तुम्हारा
इसी तरह क्या ले पाएगी
दे पाएगी सपने हमको
नींद हमारी वही सुहाने
वही तराने जिनको गा कर
तन-मन पावन हो जाता था
खो जाता था हर दुख जिनमें
लौटेंगे, ये विश्वास नहीं
अहसास नहीं ये फिर होंगे
जाने जीवन कैसे बीते
रीते-रीते साँझ-सवेरे
चौखट पे यूँ पसरे होंगे
मानो युग से वहीं पड़े हों
और अड़े होंगे कितने ही
नाउम्मीदी के साये भी
आएगी फिर धूप कहाँ से
जो तन मन को गरमाहट दे
आहट दे थोड़ी ख़ुशियों की
थोड़ी सी यादें दुहरा दे
गा दे कुछ भी मनभावन सा,
इसीलिए ये पल अनुपम है
हम हैं इसमें थोड़ी पुलकन
थोड़ी लज्जा थोड़ी तड़पन
थोड़ी सिहरन लेकर बैठे
आओ इसमें जीवन भर लें
उत्सव कर लें इसको सजनी।
- 24.01.2017
-मौलिक एवं अप्रकाशित।

Views: 409

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ravi Prakash on January 28, 2017 at 8:28am
धन्यवाद आदरणीया।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on January 27, 2017 at 9:17pm

अच्छी प्रस्तुति है आद० रवि प्रकाश जी हार्दिक बधाई 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"बढ़िया सुझाव ............ सादर "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"वाह "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"वाह ...................... बढ़िया सुझाव ..................... सादर "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"बढ़िया सुझाव .... सादर "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"बहुत बढ़िया सुझाव  धन्यवाद अमित जी "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"बहुत बढ़िया सुझाव "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय नादिर खान जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति ...... हार्दिक बधाई ..... सादर "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय तिलक राज कपूर सर, आज आपकी ग़ज़ल का लुत्फ़ ले रहा हूँ. विस्तृत चर्चा कल ...... सादर "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीया ऋचा यादव जी, इस शानदार प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई. सादर "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी, इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई. सादर "
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय जैफ जी, इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई. वरिष्ठ जनों के  सुझाओं पर ध्यानकर्षण निवेदित…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-169
"आदरणीय दयाराम जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार ... सादर "
4 hours ago

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service