For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मुद्दतों की आरजू तब तुम कही जाकर मिले

मुद्दतों की आरजू तब तुम कहीं जाकर मिले।
प्यास बढ़ने की तड़प से ज्यो नदी-सागर मिले।।

सर्द आहों को लिये तकते रहे रस्ता तेरा।
इक नज़र पाने को तेरी हम वहाँ अक़्सर मिले।।

किस्मतों का फैसला ऐसा किया तूने ख़ुदा।
एक के हिस्से में गुल,दूजे को बस पत्थर मिले।।

दो निवाले मुश्किलों से ,चैन भी दिल को नही।
तंगहाली में मगर हम बारहा क़ैसर मिले।।

तीरगी में बा ग़रज हम चल दिये यह सोचकर।
इस दफ़ा ही मुद्दतों के बाद वो रहबर मिले।।
मौलिक तथा अप्रकाशित

Views: 637

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by सुरेश कुमार 'कल्याण' on November 27, 2016 at 9:05am
आदरणीय श्री गौरव कुमार जी खूबसूरत गजल के लिए हार्दिक बधाई स्वीकार करें।सादर।
Comment by DR. BAIJNATH SHARMA'MINTU' on November 25, 2016 at 11:54am

आदरणीय गौरव पाण्डेय साहेब ...........अच्छी  गजल हुई है ........बहुत बहुत बधाई 

Comment by gaurav kumar pandey on November 25, 2016 at 9:36am
आप सभी का आभार गुणीजनों मैंने जल्दी जल्दी में ग़ज़ल पोस्ट कर दी थी जिसकी वजह से याद नही रहा की रुक्न भार लिखने का। अतः आगे से ध्यान रखूँगा सादर नमन सभी को तहे दिल से शुक्रिया।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on November 24, 2016 at 10:50am

आदरणीय गौरव भाई , खूबसूरत गज़ल के लिये हार्दिक बधाइयाँ । बाक़ी बातें आ. समर भाई कह ही चुके हैं , खयाल कीजियेगा ।

Comment by Samar kabeer on November 23, 2016 at 5:39pm
जनाब गौरव कुमार पाण्डेय जी आदाब,उम्दा ग़ज़ल हुई है,दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं ।
"क़ैसर" शब्द का आपने क्या अर्थ लिया है,बताने का कष्ट करें ।
आपने ग़ज़ल के साथ अरकान नहीं लिखे,ये इस मंच का नियम है,कृपया आगे से ध्यान रखें,इससे पाठकों को ग़ज़ल पर कुछ कहने में आसानी होती है ।
Comment by नाथ सोनांचली on November 23, 2016 at 2:42pm
आदरणीय गौरव कुमार पाण्डेय जी बेहतरीन गजल के लिए बधाई स्वीकार करें।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
Sunday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
Sunday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service