For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ज़िन्दगी से जो मिला, हमको गवारा हो गया (ग़ज़ल)

2122 2122 2122 212

ज़िन्दगी से जो मिला हमको गवारा हो गया
कुछ गिला-शिकवा किये बिन ही गुज़ारा हो गया

टूटकर ख़ुद पूर्ण करता है जो औरों की मुराद
मेह्रबानी से किसी की मैं वो तारा हो गया

सत्य-अहिंसा साथ लेकर हम भटकते ही रहे
फ़ोटो से बापू की, उसका काम सारा हो गया

कल तलक जो मेरे सीने में धड़कता था,वो दिल
आज ये ऐलान करता हूँ, तुम्हारा हो गया

क़ैद कर दो प्रेम को इतिहास के पन्नों में अब
आजकल के प्रेमियों को 'काम' प्यारा हो गया

मिल गया तनहाई में जब शाइरी का संग "जय"
डूबते को एक तिनके का सहारा हो गया
================================

(मौलिक व अप्रकाशित)

Views: 462

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by जयनित कुमार मेहता on May 12, 2016 at 6:49am
आदरणीय गुमनाम पिथौरागढ़ी जी, हार्दिक धन्यवाद आपको।।
Comment by जयनित कुमार मेहता on May 9, 2016 at 1:54pm
आ. सतविंद्र कुमार जी,आभारी हूँ आपका!
Comment by जयनित कुमार मेहता on May 9, 2016 at 1:51pm
आ. समर कबीर जी, सुखननवाज़ी के लिए तहे दिल से शुक्रगुज़ार हूँ आपका।
Comment by gumnaam pithoragarhi on May 9, 2016 at 6:53am

अच्छी ग़ज़ल के लिए बधाई ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,

Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on May 7, 2016 at 11:13pm
बेहतरीन ग़ज़ल हुई है आदरणीय जयनित कुमार जी।जार्दिक बधाई।
Comment by Samar kabeer on May 7, 2016 at 6:35pm
जनाब जयनित कुमार जी आदाब,बढ़िया ग़ज़ल हुई,दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएँ ।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Apr 28
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Apr 28
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service