For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

"कायापलट" लघुकथा

मसरूर पठान का नाम दूर दूर तक इज़्ज़त से लिया जाता था,ख़ानदानी आदमी थे,हज़ारों एकण ज़मीन के मालिक थे,शहाना मिज़ाज रखते थे ,सरकारी अमले में भी उनके नाम का दब दबा था,बहुत अच्छे इंसान थे,लेकिन उनकी एक बुरी आदत भी थी,उन्हें शिकार का बहुत शौक़ था,और खाने में उन्हें रोज़ शिकार किये हुए जानवर का गोश्त सब से ज़्यादा पसंद था ,वो ख़ुद जानवरों का शिकार किया करते थे,नोकर चाकर उनके साथ होते थे,एक शिकारी गाइड जो ड्राईवर भी था और जो उन्हें शिकार की जगह ले जाता था !
एक रात की बात है,मसरूर पठान अपनी शिकारी जीप में शिकार पर निकले हुए थे,गाइड जीप ड्राइव कर रहा था ,काफ़ी देर तक भटकने के बाद भी कोई शिकार हाथ नहीं लगा था,फिर अचानक उन्हें एक हिरन दिखाई दे गया,जो उन्हें देख कर भागने लगा ,गाइड ने हिरन के पीछे जीप दौड़ा दी,रास्ते में नाला आ जाने की वजह से शिकार हाथ से निकल गया ।
कुछ देर बाद उन्हें फिर एक हिरनी दिखाई दे गई जो एक खेत में खड़ी थी,गाइड ने जीप रोक दी,सर्च लाइट की रौशनी में वो साफ़ दिखाई दे रही थी और ज़्यादा दूर भी नहीं थी ,हैरत की बात यह कि उन्हें देखकर वो भागी भी नहीं,मसरूर पठान ने बंदूक़ काँधे से लगाकर निशाना साधा और लबलबी दबाने ही वाले थे कि गाइड बोला ,हुज़ूर,'ज़मीन पर देखें' ,मसरूर पठान ने हिरनी से नज़र हटाकर ज़मीन की तरफ़ देखा तो वहाँ हिरनी का नौ ज़ाइदा बच्चा पड़ा था जो ज़मीन से उठने की कोशिश कर रहा था मसरूर पठान यह देख कर सक्ते में आ गए,और अचानक उनके दिमाग़ में ये सवाल उठा ,"अगर गोली चल जाती तो" ?
इस मंज़र का उनपर ऐसा असर हुआ कि उन्होंने तय कर लिया कि अब वो कभी शिकार नहीं खेलेंगे ।

"समर कबीर"
मौलिक/अप्रकाशित

Views: 924

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Samar kabeer on January 12, 2016 at 10:57pm
जनाब सतविंदर कुमार जी, आदाब,रचना आपको पसंद आई मेरा लिखना सार्थक हुवा,सराहना और उत्साह वर्धन प्रतिक्रिया के हृदयतल से आभारी हूँ,बहुत बहुत धन्यवाद ।
Comment by Samar kabeer on January 12, 2016 at 10:55pm
मोहतरमा प्रतिभा पांडे जी, आदाब,रचना आपको पसंद आई मेरा लिखना सार्थक हुवा,सराहना और उत्साह वर्धन प्रतिक्रिया के हृदयतल से आभारी हूँ,बहुत बहुत धन्यवाद ।
Comment by Samar kabeer on January 12, 2016 at 10:54pm
मोहतरमा ममता जी, आदाब,रचना आपको पसंद आई मेरा लिखना सार्थक हुवा,सराहना और उत्साह वर्धन प्रतिक्रिया के हृदयतल से आभारी हूँ,बहुत बहुत धन्यवाद ।
Comment by Samar kabeer on January 12, 2016 at 10:51pm
मोहतरमा राहिला जी, आदाब,रचना आपको पसंद आई मेरा लिखना सार्थक हुवा,सराहना और उत्साह वर्धन प्रतिक्रिया के हृदयतल से आभारी हूँ,बहुत बहुत धन्यवाद ।
Comment by Samar kabeer on January 12, 2016 at 10:50pm
जनाब तस्दीक़ अहमद जी, आदाब,रचना आपको पसंद आई मेरा लिखना सार्थक हुवा,सराहना और उत्साह वर्धन प्रतिक्रिया के हृदयतल से आभारी हूँ,बहुत बहुत धन्यवाद ।
Comment by Samar kabeer on January 12, 2016 at 10:49pm
जनाब शैख़ शहज़ाद उस्मानी जी,आदाब,रचना आपको पसंद आई मेरा लिखना सार्थक हुवा,सराहना और उत्साह वर्धन प्रतिक्रिया के हृदयतल से आभारी हूँ,बहुत बहुत धन्यवाद,आप ऐसे ही हौसला बढ़ाते रहें,मैं ऐसे ही लिखता रहूँगा ।
Comment by Samar kabeer on January 12, 2016 at 10:47pm
जनाब प्रदीप कुमार जी, आदाब,रचना आपको पसंद आई मेरा लिखना सार्थक हुवा,सराहना और उत्साह वर्धन प्रतिक्रिया के हृदयतल से आभारी हूँ,बहुत बहुत धन्यवाद ।
Comment by Samar kabeer on January 12, 2016 at 10:47pm
जनाब तेजवीर सिंह जी, आदाब,रचना आपको पसंद आई मेरा लिखना सार्थक हुवा,सराहना और उत्साह वर्धन प्रतिक्रिया के हृदयतल से आभारी हूँ,बहुत बहुत धन्यवाद ।
Comment by Samar kabeer on January 12, 2016 at 10:45pm
आली जनाब डॉ विजय शंकर जी, आदाब,रचना आपको पसंद आई मेरा लिखना सार्थक हुवा,सराहना और उत्साह वर्धन प्रतिक्रिया के हृदयतल से आभारी हूँ,बहुत बहुत धन्यवाद ।
Comment by सतविन्द्र कुमार राणा on January 12, 2016 at 10:06pm
बहुत ख़ूब!बेहतरीन लघुकथा हुई है।बधाई जनाब समर कबीर साहब।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"जय हो.. "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"वाह .. एक पर एक .. जय हो..  सहभागिता हेतु आपका हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय अशोक…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"क्या बात है, आदरणीय अशोक भाईजी, क्या बात है !!  मैं अभी समयाभाव के कारण इतना ही कह पा रहा हूँ.…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, आपकी प्रस्तुतियों पर विद्वद्जनों ने अपनी बातें रखी हैं उनका संज्ञान लीजिएगा.…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सुशील सरना जी, आपकी सहभागिता के लि हार्दिक आभार और बधाइयाँ  कृपया आदरणीय अशोक भाई के…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाई साहब, आपकी प्रस्तुतियाँ तनिक और गेयता की मांग कर रही हैं. विश्वास है, आप मेरे…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, इस विधा पर आपका अभ्यास श्लाघनीय है. किंतु आपकी प्रस्तुतियाँ प्रदत्त चित्र…"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मिथिलेश भाईजी, आपकी कहमुकरियों ने मोह लिया.  मैंने इन्हें शमयानुसार देख लिया था…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार.…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय मिथिलेश जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय से आभार.…"
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत मुकरियों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
yesterday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171 in the group चित्र से काव्य तक
"    प्रस्तुति की सराहना हेतु हृदय से आभार आदरणीय मिथिलेश जी. सादर "
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service