ओस की कुछ बूँदें बिना बताए ले आई थी,
Comment
Shukria Ganesh bhai:)
Aapko bhalaa kaise naaraz kar sakti hoon,ek aap hi to hain jo rachnaon ko padhte hain :))
Aapki baat maan ke profile pe apna chhaaya chitr lagaa rahi :)
:))))))))))
मुस्कान पे सब हों फ़िदा तो दोष मेरा क्या?
नहीं नहीं नहीं , लता जी आपका दोष कुछ भी नहीं है यह तो मुस्कान का दोष है :-) हा हा हा हा हा
सुंदर भाव के साथ लिखी खुबसूरत कविता, बहुत बढ़िया, साथ में कविता को चित्रों के साथ सजा कर प्रस्तुत करना, बहुत खूब , पर एक छोटी सी शिकायत कृपया अपने प्रोफाइल को भी अपनी छाया चित्र से सजा दे |
बहरहाल इस कविता पर बहुत बहुत आभार |
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