For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

इतनी सारी रोटियाँ (लघुकथा ) कान्ता राॅय

"कितने बडे परिवार में व्याह दिया तुमने माँ , एक बार भी नहीं सोचा कि कैसे निभाऊँगी मै ? "

"नहीं बिट्टो ऐसा नहीं कहते ,भरा - पूरा घर है तुम्हारा । ऐसे परिवार क़िस्मत- वालियों को मिलते है । "

"खाक क़िस्मत -वालियाँ , तुम नहीं जानती कि मुझे , इतनीss सारी रोटियां अकेले सेंकनी पडती है ।"

"घर के लोगों की रोटियां नहीं गिनते बिट्टो , नजर लग जाती है ।" माँ हल्की चपत लगाते हुए कह उठी थी उस दिन ।

माँ का लाड़ से मुस्कुरा कर रह जाना, आज उसे बहुत याद आ रहा था ।

पति की अचानक हुए रोड एक्सीडेंट में उनका मरणासन्न अवस्था और  बडे़ परिवार का एकजुटता से बच्चे समेत उसको भी संभालना , आज रसोई पकाते हुए रोटियां गिनती में बहुत कम  नजर आ  रही थी ।

"मौलिक व अप्रकाशित" 

Views: 768

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by kanta roy on September 22, 2015 at 9:40am
कथा पसंदगी के लिये आभार आपको आदरणीय शिज्जू शकूर जी
Comment by kanta roy on September 22, 2015 at 12:42am

कथा पसंदगी  के लिए तहे दिल से आभार आदरणीय    Manoj kumar Ahsaas जी

Comment by kanta roy on September 22, 2015 at 12:38am

कथा  पर आपके द्वारा  मेरा मनोबल बढ़ने के लिए तहे दिल से आभार आदरणीय  डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव  जी , .आपके द्वारा कथा पर अनुमोदन मिलना मेरे लिए एक अवार्ड के सामान  है। 

Comment by kanta roy on September 22, 2015 at 12:32am

कथा  पर मेरा हौसला बढाने के लिएतहे दिल से आभार आदरणीय मिथिलेश जी  

Comment by kanta roy on September 22, 2015 at 12:26am

ह्रदयतल से आभार आपको आदरणीय प्रतिभा जी कथा पर मेरा हौसला बढाने के लिए।  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 21, 2015 at 12:11pm

अखंडित परिवार का यही तो सबसे बड़ा फायदा है , दुख हो सुख आराम से बांट लिये जाते हैं । बहुत सुन्दर लघुकथा लगी आपकी , हार्दिक बधाई आपको ।

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on September 20, 2015 at 10:06pm

इस प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई

Comment by Neeraj Neer on September 20, 2015 at 4:46pm

वाह आदरणीया कांता जी बहुत ही सशक्त लघुकथा हुई है ..... 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on September 20, 2015 at 11:36am

वाह वाह आ० कांता जी,बहुत ही सार्थक प्रेरक लघु कथा लिखी है आज के माहौल में ऐसी लघु कथाओं की आवश्यकता है जो प्रेरणादायी हों तथा रिश्तों को जोड़ने में सहायक हों दिल से बधाई इस सुन्दर लघु कथा पर | 

Comment by Dr. Vijai Shanker on September 18, 2015 at 8:24am
परिवार के महत्व को स्थापित करती इस लघु - कथा के लिए बहुत बहुत बधाई , आदरणीय सुश्री कान्ता रॉय जी , सादर।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"परम आदरणीय सौरभ पांडे जी व गिरिराज भंडारी जी आप लोगों का मार्गदर्शन मिलता रहे इसी आशा के…"
33 minutes ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आ. भाई तिलकराज जी, सादर अभिवादन। 'मिलना' को लेकर मेरे मन में भी प्रश्न था, आपके…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"2122 2122 2122 212 दोस्तों के वास्ते घर से निकलना चाहिए सिलसिला यूँ ही मुलाक़ातों का चलना चाहिए…"
2 hours ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"आदरणीय तिलक जी नमस्कार  बहुत बहुत आभार आपका ,ये प्रश्न मेरे मन में भी थे  सादर "
2 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"इस बार के तरही मिसरे को लेकर एम प्रश्न यह आया कि ग़ज़ल के मत्ले को देखें तो क़ाफ़िया…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post सुखों को तराजू में मत तोल सिक्के-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति औल स्ने के लिए आभार।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार। 6 शेर के लिए आपका सुझाव अच्छा…"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post घाव भले भर पीर न कोई मरने दे - लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. प्राची बहन, सादर अभिवादन।गजल आपको अच्छी लगी, लेखन सफल हुआ। स्नेह के लिए आभार।"
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-181
"2122 2122 2122 212 **** रात से मिलने को  दिन  तो यार ढलना चाहिए खुशनुमा हो चाँद को फिर से…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"वाह वाह  आदरणीय, आपकी प्रस्तुति पर पुन: आता हूँ।  करूँगा मैं चर्चा सबुर आप…"
15 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"वाह वाह  आदरणीय, आपकी इस प्रस्तुति पर पुन: आऊँगा।  शुभातिशुभ"
15 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। बहुत खूबसूरत गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
yesterday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service