For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

.जशने आज़ादी है आज--(फ़िलबदीह ग़ज़ल.'राज')

२१२२  २१२२  २१२२   २१२१ 

दीप राहों में जलाओ जशने आज़ादी है आज,

 ध्वज वतन का लह्लहाओ जशने आज़ादी है आज,

 

भूल कर शिकवे गिले इक दूसरे का हाथ थाम

एक सुर में सुर मिलाओ जशने आज़ादी है आज,

 

रंग दी धरती जिन्होंने जान देकर खून से

,खूब उनके गीत गाओ ,जशने आज़ादी है आज,

 

जिस वतन के वास्ते तुम जाँ लुटाते आये हो,

दूरियाँ दिल से मिटाओ जशने आज़ादी है आज,

 

सरफरोशों की सभी कुर्बानियों का वास्ता,

फिर वही ज़ज्बे दिखाओ जशने आज़ादी है आज,

 

चढ़ गया हर शख्स पर इस वक़्त आज़ादी का रंग

, एकता की लौ जलाओ जशने आज़ादी है आज,

 

तुम चमन के बागवाँ हो तुम वतन के बादशाह,

सरहदों को जगमगाओ जशने आज़ादी है आज,

 

बैठ कर ऊँचे भवन में जश्न में डूबे बहुत,

 खाना भूखों को खिलाओ जशने आज़ादी है आज,

--मौलिक एवं अप्रकाशित 

 

Views: 838

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 18, 2015 at 11:27am

मिथिलेश भैया ,बहुत -बहुत शुक्रिया आपको ग़ज़ल पसंद आई .


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on August 18, 2015 at 11:26am

आ० रवि शुक्ला  जी,बहुत- बहुत आभार आपका . 

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on August 18, 2015 at 10:35am

भूल कर शिकवे गिले इक दूसरे का हाथ थाम
एक सुर में सुर मिलाओ जशने आज़ादी है आजए
 आ0 राजेश दी, राष्टीय भवना से ओतप्रोत बहुत सुंदर गजल हुई है हार्दिक बधाई ।
    
    

Comment by Samar kabeer on August 17, 2015 at 3:01pm
बहना राजेश कुमारी जी आदाब,बहुत शानदार फ़िलबदीह ग़ज़ल कही है आपने जश्न-ए-आज़ादी पर,शैर दर शैर दाद के साथ मुबारकबाद क़ुबूल फरमाएं।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on August 17, 2015 at 12:42pm

आदरणीया राजेश दीदी, जश्न-ए-आज़ादी पर बढ़िया ग़ज़ल हुई है. शेर दर शेर दाद कुबूल फरमाएं.

Comment by Ravi Shukla on August 17, 2015 at 11:50am

 आदरणीया राजेश जी

सुन्‍दर और प्रसंगानुकूल ग़ज़ल पर ह‍ार्दिक शुभकामनाएं स्‍वीकार करें

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"दीपोत्सव क्या निश्चित है हार सदा निर्बोध तमस की? दीप जलाकर जीत ज्ञान की हो जाएगी? क्या इतने भर से…"
1 hour ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"धन्यवाद आदरणीय "
3 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"ओबीओ लाइव महा उत्सव अंक 179 में स्वागत है।"
3 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179
"स्वागतम"
4 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 172

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
5 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' left a comment for मिथिलेश वामनकर
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। जन्मदिन की शुभकामनाओं के लिए हार्दिक आभार।"
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन।गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
21 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, करवा चौथ के अवसर पर क्या ही खूब ग़ज़ल कही है। इस बेहतरीन प्रस्तुति पर…"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

साथ करवाचौथ का त्यौहार करके-लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२२/२१२२/२१२२ **** खुश हुआ अंबर धरा से प्यार करके साथ करवाचौथ का त्यौहार करके।१। * चूड़ियाँ…See More
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post गहरी दरारें (लघु कविता)
"आदरणीय सुरेश कुमार कल्याण जी, प्रस्तुत कविता बहुत ही मार्मिक और भावपूर्ण हुई है। एक वृद्ध की…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-179

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर left a comment for लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार की ओर से आपको जन्मदिन की हार्दिक शुभकामनाएं।"
Tuesday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service