For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

 “वहीँ होगा तुम्हारा  लाड़ला इस वक़्त भी है न ? कितनी बार कहा दोस्ती बराबर वालों से ठीक है  सर्वेंट के उस लड़के से उसने क्या समझ के दोस्ती की? कुछ तो कॉमन हो... पर तुम क्यूँ समझाती, खुद भी तो.... छोटे घर की... छोटी सोच ...

जैसे संस्कार हैं वही तो बच्चे को दोगी” व्हीस्की का घूँट गले में उतारते हुए मोहित बोला|

“हाँ पापा है न एक चीज कॉमन !! उसके पापा भी रोज ड्रिक करके इतनी रात  गए घर में आते हैं और उसकी मम्मी पर इसी तरह चिल्लाते हैं, मेरी मम्मी की आँखें भी बरसती हैं और उसकी मम्मी की भी” बेटा अचानक अन्दर आते हुए बोला|

.

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 566

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 21, 2015 at 10:06am

आ० वीरेंदर वीर जी,आपको लघु कथा प्रभावित की मेरा लिखना सार्थक हो गया दिल से बहुत- बहुत आभार आपका.  

Comment by VIRENDER VEER MEHTA on July 20, 2015 at 11:07pm
सुन्दर और सार्थक तरीके से अपना प्रभाव छोड़ती लाजवाब रचना। इस लघुकथा के लिये सादर बधाई आद: राजेश कुमारी जी।

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 20, 2015 at 10:57pm

बहुत बहुत आभार प्रतिभा जी,लघु कथा के मर्म को सही पकड़ा आपने,जो पिता बच्चों की मम्मी को दुखी रखता हो उसके बच्चे उससे सिर्फ डर से सम्मान करेंगे या बात मानेंगे  दिल से नहीं दिल में तो नफरत पालेंगे  यही बच्चे  बड़े होकर बगावत पर उतर आयेंगे | 

Comment by pratibha pande on July 20, 2015 at 10:50pm

सबसे  कीमती  उपहार जो एक पिता अपने बेटे को दे सकता है वो है , उसकी माँ को प्यार और  इज्ज़त देना I बधाई  इस  सशक्त  रचना के लिए आ० राजेश कुमारी जी 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 20, 2015 at 9:45pm

विनय कुमार जी,आपका  बहुत- बहुत शुक्रिया लघु कथा आपको अच्छी लगी.  

Comment by विनय कुमार on July 20, 2015 at 5:37pm

अच्छी लघुकथा , बच्चे भी सब कुछ देखते , समझते हैं | बधाई आदरणीया राजेश कुमारी जी  .


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 20, 2015 at 9:47am

आ० प्रदीप कुमार जी,आपका दिल से बहुत- बहुत  शुक्रिया. 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 20, 2015 at 9:46am

मिथिलेश भैया,लघुकथा के मुखर अनुमोदन  के लिए बहुत- बहुत आभार आपका. 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 20, 2015 at 9:45am

आ० धर्मेन्द्र जी, बहुत- बहुत शुक्रिया.  


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on July 20, 2015 at 9:44am

लघु कथा  के  अनुमोदन  हेतु  आ० तेजवीर सिंह जी, आपका दिल से बहुत- बहुत  आभार|  

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय, मैं भी पारिवारिक आयोजनों के सिलसिले में प्रवास पर हूँ. और, लगातार एक स्थान से दूसरे स्थान…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय जयहिन्द रायपुरी जी, सरसी छंदा में आपकी प्रस्तुति की अंतर्धारा तार्किक है और समाज के उस तबके…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश भाईजी, आपकी प्रस्तुत रचना का बहाव प्रभावी है. फिर भी, पड़े गर्मी या फटे बादल,…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, आपकी रचना से आयोजन आरम्भ हुआ है. इसकी पहली बधाई बनती…"
2 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय / आदरणीया , सपरिवार प्रातः आठ बजे भांजे के ब्याह में राजनांदगांंव प्रस्थान करना है। रात्रि…"
15 hours ago
Jaihind Raipuri replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छन्द ठिठुरे बचपन की मजबूरी, किसी तरह की आग बाहर लपटें जहरीली सी, भीतर भूखा नाग फिर भी नहीं…"
yesterday
Jaihind Raipuri joined Admin's group
Thumbnail

चित्र से काव्य तक

"ओ बी ओ चित्र से काव्य तक छंदोंत्सव" में भाग लेने हेतु सदस्य इस समूह को ज्वाइन कर ले |See More
yesterday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद +++++++++ पड़े गर्मी या फटे बादल, मानव है असहाय। ठंड बेरहम की रातों में, निर्धन हैं…"
yesterday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 173 in the group चित्र से काव्य तक
"सरसी छंद  रीति शीत की जारी भैया, पड़ रही गज़ब ठंड । पहलवान भी मज़बूरी में, पेल …"
yesterday
आशीष यादव added a discussion to the group भोजपुरी साहित्य
Thumbnail

दियनवा जरा के बुझावल ना जाला

दियनवा जरा के बुझावल ना जाला पिरितिया बढ़ा के घटावल ना जाला नजरिया मिलावल भइल आज माहुर खटाई भइल आज…See More
Thursday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"आदरणीय सौरभ सर, क्या ही खूब दोहे हैं। विषय अनुरूप बहुत बढ़िया प्रस्तुति हुई है। इस प्रस्तुति हेतु…"
Nov 17

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-180
"हार्दिक आभार आदरणीय "
Nov 17

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service