For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

उनके बाहों की सौग़ात मिली

उनके बाहों की सौग़ात मिली
इक मुद्दत पे ऐसी रात मिली

जाने मेरे हक़ का था वो पल
या मुझको कोई खैरात मिली

रिमझिम रिमझिम मेरी आँखों से
उसकी याद लिए बरसात मिली

सोचा क्या था क्या पाया मैंने
टूटे सपनों की बारात मिली

जिनको सज़दे में माँगा ता-उम्र
उनसे कुछ पल कि मुलाक़ात मिली

जब सोचा की अब जीतेंगे हम
बस उस पल ही मुझको मात मिली

© परी ऍम. 'श्लोक'

"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 705

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Pari M Shlok on July 6, 2015 at 12:26pm
मिथिलेश वामनकर जी आपका शुक्रिया बहुत बहुत
Comment by Pari M Shlok on July 6, 2015 at 12:25pm
Saurabh Pandey जी आभारी हूँ

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 6, 2015 at 3:25am

बढिया प्रयास हुआ है, आदरणीया .. बधाई ..


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by मिथिलेश वामनकर on June 28, 2015 at 3:06am

सुन्दर प्रस्तुति पर हार्दिक बधाई 

Comment by Pari M Shlok on June 20, 2015 at 12:35pm
narendrasinh chauhan जी शुक्रिया आदरणीय
Comment by narendrasinh chauhan on June 20, 2015 at 11:52am

खूब सुन्दर रचना

Comment by Pari M Shlok on June 20, 2015 at 9:13am
maharshi tripathi जी शुक्रिया सर
Comment by maharshi tripathi on June 19, 2015 at 8:12pm

सुन्दर आ. Pari M Shlok जी ,,,बधाई आपको |

Comment by Pari M Shlok on June 19, 2015 at 5:26pm
kanta roy जी शुक्रिया बेहद आदरणीय
Comment by kanta roy on June 19, 2015 at 5:22pm
जब सोचा की अब जीतेंगे हम
बस उस पल ही मुझको मात मिली...... वाह !! बहुत खूब लिखा है आपने यह

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
yesterday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Saturday
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service