For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जीवन का आधार प्रीत है ....

जीवन   का   आधार  प्रीत  है ...........

जीवन   का   आधार  प्रीत  है
स्वप्न   का   श्रृंगार   प्रीत  है
जलते   रहना   दीप  लौ   पर
शलभ  की  निस्वार्थ  प्रीत  है
विरह   में   बरसात  की   बूंदें
सावन  का   रूठा   संगीत   है
लहरों  पे  वो  छवि  मयंक की
नयन  बिम्ब  की तरल प्रीत है
मधुर  पलों  का  मौन समर्पण
अधरों  पर  अधरों  की जीत है
भुजबंधन  का  तरुण स्पन्दन
आसक्त पलों की  मधुर प्रीत है
आवारापन वो तिमिर-केश का
मधुप  पुष्प  की  अमर प्रीत है

सुशील सरना
मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 578

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sushil Sarna on April 14, 2015 at 12:42pm

आदरणीय गिरिराज भंडारी जी रचना पर आपकी मधुर प्रशंसा का हार्दिक आभार। रचना पर आपका मार्ग दर्शन सदा ही मेरे सृजन को सशक्त करता है। इसे मैं आपकी चाहत के अनुरूप ढालकर पुनः प्रकाशित करूंगा। आपका तहे दिल से शुक्रिया। भविष्य में भी इसी प्रकार आपके स्नेहिल मार्गदर्शन की अपेक्षा रहेगी।  धन्यवाद। 

Comment by Sushil Sarna on April 14, 2015 at 12:38pm

आदरणीय जितेन्द्र पस्टारिया जी रचना पर आपकी मधुर प्रशंसा का हार्दिक आभार। 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on April 13, 2015 at 11:24am

मधुर  पलों  का  मौन समर्पण
अधरों  पर  अधरों  की जीत है...बहुत सुंदर पंक्तियाँ, बधाई स्वीकारें आदरणीय सरना जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 12, 2015 at 8:57pm

आदरणीय सुशील भाई , लाजवाब गीत रचना हुई है , दिली बधाइयाँ स्वीकार करें ॥ पंक्तियों मे मात्रा कहीं 16 कही6 15 होने से गेयता

में कमी है  --  जैसे -

जीवन   का   आधार  प्रीत  है  --  16 
स्वप्न   का   श्रृंगार   प्रीत  है    --  15   --  अगर स्वप्नों कर दें  मात्रा सही हो जायेंगी  , बस ऐसे ही कुछ जगह है ॥ सादर !!

Comment by Sushil Sarna on April 12, 2015 at 8:44pm

आदरणीय   शिज्जु "शकूर" jee प्रस्तुति पर आत्मीय प्रशंसा का हार्दिक आभार।

Comment by Sushil Sarna on April 12, 2015 at 8:44pm

आदरणीय  shree suneel  jee प्रस्तुति पर आत्मीय प्रशंसा का हार्दिक आभार।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by शिज्जु "शकूर" on April 12, 2015 at 1:01pm

वाह बहुत सुंदर आदरणीय सुशील सरना सर बहुत बहुत बधाई

Comment by shree suneel on April 11, 2015 at 12:27pm
"मधुर पलों का मौन समर्पण
अधरों पर अधरों की जीत है "
कई सुंदर पंक्तियाँ और भाव...
बधाई आपको.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आदरणीय लक्ष्मण भाई , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका हार्दिक आभार "
21 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। उत्तम गजल हुई है। हार्दिक बधाई। कोई लौटा ले उसे समझा-बुझा…"
22 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post छन्न पकैया (सार छंद)
"आयोजनों में सम्मिलित न होना और फिर आयोजन की शर्तों के अनुरूप रचनाकर्म कर इसी पटल पर प्रस्तुत किया…"
yesterday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी सृजन पर आपकी विस्तृत समीक्षा का तहे दिल से शुक्रिया । आपके हर बिन्दु से मैं…"
yesterday
Admin posted discussions
Monday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 171

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"आदरणीय सुशील सरनाजी, आपके नजर परक दोहे पठनीय हैं. आपने दृष्टि (नजर) को आधार बना कर अच्छे दोहे…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"प्रस्तुति के अनुमोदन और उत्साहवर्द्धन के लिए आपका आभार, आदरणीय गिरिराज भाईजी. "
Monday

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी posted a blog post

ग़ज़ल - ( औपचारिकता न खा जाये सरलता ) गिरिराज भंडारी

२१२२       २१२२        २१२२   औपचारिकता न खा जाये सरलता********************************ये अँधेरा,…See More
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा दशम्. . . . . गुरु

दोहा दशम्. . . . गुरुशिक्षक शिल्पी आज को, देता नव आकार । नव युग के हर स्वप्न को, करता वह साकार…See More
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी, सादर अभिवादन। गजल आपको अच्छी लगी यह मेरे लिए हर्ष का विषय है। स्नेह के लिए…"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service