फराज के कुछ बेहतरीन शेर -
ढूँढ उजडे हुए लोगों में वफ़ा के मोती
ये ख़ज़ाने तुझे मुमकिन है ख़राबों में मिलें
तू ख़ुदा है न मेरा इश्क़ फ़रिश्तों जैसा
दोनों इंसाँ हैं तो क्यूँ इतने हिजाबों में मिलें
ग़म-ए-दुनिया भी ग़म-ए-यार में शामिल कर लो
नशा बढता है शराबें जो शराबों में मिलें
अब न वो मैं हूँ, न तू है न वो माज़ी है फ़राज़
जैसे दो साये तमन्ना के सराबों में मिलें
-अहमद फ़राज़
में उस का हु ये राज तो वो जान गई है "फराज "
वो किसकी है ये सवाल मुझे सोने नहीं देता
-फराज
कोन देता है उम्र भर का सहारा फराज
लोग तो जनाजे में भी कंधे बदलते रहते है
-फराज
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