For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सूने पन्ने पे तेरा नाम .......'इंतज़ार'

बहुत बार समझाया
कभी दिल को फुसलाया
मगर खुद ही ना समझ पाया
मैं हूँ क्यों यहाँ पर
बस रोज़ वो अँधेरे
और तेरी यादें के
दहकते अंगारे
परवानों सा जलने की
दुआ करता हूँ
कुछ हसीन सपनों का व्यापार
अपनी नींदों से
किया करता हूँ
दिल में बसी मूरत को
पलकों में छिपा रखता हूँ

तेरी यादों को
कागज पे अक्सर उतार देता हूँ
जब सूने पन्ने पे तेरा नाम आता है
क्या जानू क्यूँ पन्ने को
अहंकार हो जाता है
और मुझे फिर से प्यार हो जाता है !!

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 880

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Meena Pathak on March 26, 2015 at 8:43pm

बहुत सुन्दर प्रस्तुति ...बधाई आ० मोहन जी 

Comment by Shyam Mathpal on March 26, 2015 at 8:03pm

आ. मोहन सेठी जी,

सुंदर रचना . हार्दिक बधाई.

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on March 26, 2015 at 12:43pm

आदरणीय गिरिराज भंडारी जी आप के प्रोत्साहन से हिम्मत बनी रहती है ...आभार ...सादर 

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on March 26, 2015 at 12:41pm

आदरणीय Hari Prakash Dubey जी बहुत बहुत धन्यवाद ...सादर 

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on March 26, 2015 at 12:40pm

आदरणीय krishna mishra 'jaan'gorakhpuri जी शुक्रिया ...आप को रचना के भाव अच्छे लगे धन्यवाद ...सादर 

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on March 26, 2015 at 12:37pm

आदरणीय Sushil Sarna जी आभार ...आप की प्रशंसा से मेरा उत्साह बना रहता है ...सादर 

Comment by Mohan Sethi 'इंतज़ार' on March 26, 2015 at 12:34pm

आदरणीय डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव जी आप के प्रोत्साहन के लिये बहुत बहुत धन्यवाद ...सादर 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 26, 2015 at 11:48am

बहुत सुन्दर भाव अभिव्यक्ति हुई है , आदरणीय मोहन भाई , बधाइयाँ ॥

Comment by Hari Prakash Dubey on March 26, 2015 at 10:12am

जब सूने पन्ने पे तेरा नाम आता है
क्या जानू क्यूँ पन्ने को
अहंकार हो जाता है 
और मुझे फिर से प्यार हो जाता है !!....बहुत बढ़िया ,हार्दिक बधाई आपको आदरणीय मोहन सेठी जी !

Comment by Krish mishra 'jaan' gorakhpuri on March 25, 2015 at 8:57pm

मैं हूँ क्यों यहाँ पर
बस रोज़ वो अँधेरे
और तेरी यादें के
दहकते अंगारे

क्या बात है! आदरणीय आपकी कविताओं का भाव मुझे हर बार सोचने पर मजबूर करता है!खूबसूरत कविता ढेरों बधाईयां!सादर!

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय मंच संचालक जी , मेरी रचना  में जो गलतियाँ इंगित की गईं थीं उन्हे सुधारने का प्रयास किया…"
12 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-178

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 178 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
20 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीया प्रतिभा पाण्डे जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना हेतु आपका हार्दिक आभार.…"
20 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"   आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी सादर, प्रस्तुत रोला छंदों पर उत्साहवर्धन हेतु आपका…"
20 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    आदरणीय गिरिराज जी सादर, प्रस्तुत छंदों की सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार. सादर "
20 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अखिलेश जी छंदों पर उपस्थिति और प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार "
21 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय गिरिराज जी छंदों पर उपस्थित और प्रशंसा के लिए हार्दिक आभार "
21 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक जी छंदों की  प्रशंसा और उत्साहवर्धन के लिये हार्दिक आभार "
22 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक आभार आदरणीय मयंक कुमार जी"
22 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
" छंदों की प्रशंसा के लिये हार्दिक आभार आदरणीय भाई लक्ष्मण धामी जी"
22 hours ago
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"    गाँवों का यह दृश्य, आम है बिलकुल इतना। आज  शहर  बिन भीड़, लगे है सूना…"
22 hours ago
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 166 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ भाईजी,आपकी टिप्पणी और प्रतिक्रिया उत्साह वर्धक है, मेरा प्रयास सफल हुआ। हार्दिक धन्यवाद…"
22 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service