For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

मेरी गुड़िया ,मेरी बच्ची --कह कह शर्माइन बेहोश हुई जा रही थी |
विधायक शर्मा जी फोन-पर-फोन किये जा रहें थे पर अभी तक कुछ पता ना चला था|

ब्रेकिंग न्यूज के नाम से घर-घर न्यूज दिख रही थी कि "कद्दावर नेता की कुतिया किसी दुश्मन ने की गायब"
कुतिया नहीं कहो वर्ना चढ़ बैठेगें किसी ने फुसफुसाया ...|
"विधायक की गुड़िया को किसी ने किया गायब ...| " संभलते हुय पत्रकार बोला
"कई टीमें हुई रवाना , खुद विधायक एक टीम को लीड कर रहे हैं| "
तभी कैमरे के सामने एक लाचार बुड्ढा आ गया |
"अरे बुड्ढे कहाँ बीच में घुसा आ रहा है" धक्का मारते हुए पत्रकार बोला
"अरे बेटा मेरी भी १६साल की गुड़िया खो गयी है उसे भी खोजने में मदद कर दो |"
"अब्बे बुड्ढे जाके खोज ,होगी कही मुहं काला कर रही| देख नहीं रहा, हम ब्रेकिंग न्यूज चला रहे|"
"बेटा ऐसा न कहो , मुझे शक है विधायक साहब ने ही गायब किया है| वह इन्ही के यहाँ काम करती थी| महीने से यही भूखा-प्यासा बैठा हूँ पर कोई नहीं सुन रहा|"
तुरंत फिर ब्रेकिंग न्यूज तैयार ...'कामवाली ने किया विधायक की गुड़िया का अपहरण ' अभी फ़रार बताई जा रही है| जल्दी ही खोज निकाला जायेगा उसे|
कैमरामैन बूढ़े को एक कुर्सी पर बैठा, पानी -समोसा आफ़र कर मुस्करातें हुए बोला बाबा चिंता ना करो | सविता मिश्रा
"मौलिक व अप्रकाशित"

Views: 892

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by savitamishra on February 5, 2015 at 11:17am

आदरणीय भंडारी चाचाजी सादर नमस्ते ,.....आभार आपका तहेदिल से
सभी का एक सा हाल है क्या p kya b aur kya j..p

Comment by savitamishra on February 5, 2015 at 10:41am

shukriya आपका राज भाई दिल से


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on February 4, 2015 at 1:37pm

आदरणीया सविता जी , पत्रकारों की सन सनी तलाशने की अब तो आदत ही बन गई है , किसी के जीने मरने से उनका कोई वास्ता ही नही रहा अब ! बढिया लघुकथा के लिये बधाई आपको ।

Comment by savitamishra on February 3, 2015 at 11:09pm

Hari Prakash Dubey
बस वो त्रिवेदी जी सावधान इण्डिया के याद आ गये तो ये लाइन मन में आ गयी ..शुक्रिया भाई आपका तहेदिल से

Comment by savitamishra on February 3, 2015 at 11:07pm

जितेन्द्र पस्टारिया
आभार भाई आपका दिल से

Comment by savitamishra on February 3, 2015 at 11:07pm

मिथिलेश वामनकर
भाई तहेदिल से शुक्रिया आपका

Comment by savitamishra on February 3, 2015 at 11:06pm

Dr. Vijai Shanker

भैया सादर नमस्ते ..दिल से शुक्रिया ..बस कलम ने जिधर कहा उधर कहानी मुडती गयी आपको अच्छी लगी शुक्रिया आदरणीय

Comment by savitamishra on February 3, 2015 at 11:01pm
Comment by Hari Prakash Dubey on February 3, 2015 at 8:55pm

आदरणीया सविता मिश्रा जी, सुन्दर रचना , सुन्दर कटाक्ष .../'कामवाली ने किया विधायक की गुड़िया का अपहरण ' अभी फ़रार बताई जा रही है/....हा हा हा बहुत बढ़िया, हार्दिक बधाई! सादर 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on February 3, 2015 at 8:14pm

अच्छी लघुकथा, आदरणीया सविता जी. हार्दिक बधाई स्वीकारें

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post मौत खुशियों की कहाँ पर टल रही है-लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, आपके सकारात्मक प्रयास के लिए हार्दिक बधाई  आपकी इस प्रस्तुति पर कुछेक…"
17 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आपने, आदरणीय, मेरे उपर्युक्त कहे को देखा तो है, किंतु पूरी तरह से पढ़ा नहीं है। आप उसे धारे-धीरे…"
15 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"बूढ़े न होने दें, बुजुर्ग भले ही हो जाएं। 😂"
15 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आ. सौरभ सर,अजय जी ने उर्दू शब्दों की बात की थी इसीलिए मैंने उर्दू की बात कही.मैं जितना आग्रही उर्दू…"
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आदरणीय, धन्यवाद.  अन्यान्य बिन्दुओं पर फिर कभी. किन्तु निम्नलिखित कथ्य के प्रति अवश्य आपज्का…"
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आदरणीय नीलेश जी,    ऐसी कोई विवशता उर्दू शब्दों को लेकर हिंदी के साथ ही क्यों है ? उर्दू…"
17 hours ago
Tilak Raj Kapoor replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"मेरा सोचना है कि एक सामान्य शायर साहित्य में शामिल होने के लिए ग़ज़ल नहीं कहता है। जब उसके लिए कुछ…"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल - वो कहे कर के इशारा, सब ग़लत ( गिरिराज भंडारी )
"अनुज बृजेश  ग़ज़ल की सराहना  के लिए आपका बहुत शुक्रिया "
18 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"अनुज ब्रिजेश , ग़ज़ल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका  हार्दिक  आभार "
18 hours ago
Nilesh Shevgaonkar replied to Saurabh Pandey's discussion पटल पर सदस्य-विशेष का भाषायी एवं पारस्परिक व्यवहार चिंतनीय
"आ. अजय जी,ग़ज़ल के जानकार का काम ग़ज़ल की तमाम बारीकियां बताने (रदीफ़ -क़ाफ़िया-बह्र से इतर) यह भी है कि…"
20 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on गिरिराज भंडारी's blog post एक धरती जो सदा से जल रही है [ गज़ल ]
"बहुत ही उम्दा ग़ज़ल कही आदरणीय एक  चुप्पी  सालती है रोज़ मुझको एक चुप्पी है जो अब तक खल रही…"
21 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . विविध
"आदरणीय अशोक रक्ताले जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय "
21 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service