जिंदगी में क्या कमी है !
हर ख़ुशी मेरी ख़ुशी है !!
है नहीं कोई हुनर तो !
जिंदगी किसकी सगी है !!
इल्म कोई है अगर तो !
नौकरी फिर आपकी है !!
आजकल फन का जमाना !
फेन बिना क्या आदमी है !!
हर कला को जानता वो !
इसलिए तो मतलबी है !!
तैरना तुम जानते हो !
साथ चल आगे नदी है !!
चाहिए क्या और मुझको !
जब खुदा में बंदगी है !!
है नहीं अभिमान मुझको !
जिंदगी में सादगी है !!
(मौलिक एवम अप्रकाशित )
** आलोक **
मथुरा
Comment
आद. vijay nikore आपको ग़ज़ल पसंद आई इसका बहुत बहुत आभार
आद. Somesh जी....आपको ग़ज़ल पसंद आई इसका बहुत बहुत आभार
आद. gumnaam pithoragarhi जी आपको ग़ज़ल पसंद आई इसका बहुत बहुत आभार
आद. गिरिराज भंडारी जी.....आपको ग़ज़ल पसंद आई इसका बहुत बहुत आभार
आद. Dr. Vijai Shanker जी आपका बहुत बहुत शुक्रिया
आद. मिथिलेश वामनकर जी....मेरा हौसला बढाने का आपका आभार
सुंदर गज़ल ,फन और मतलबी वाले शे'रों ने प्रभावित किया
गज़ल अच्छी लगी.... बधाई
सुन्दर ग़ज़ल। हार्दिक बधाई स्वीकार करें
आ, आलोक भाई , बढिया गज़ल कही है , दिली बधाई स्वीकार करें ।
एक बात - जब खुदा में बन्दगी है , कहना सही है या जब खुदा की बन्दगी है , सोच लीजियेगा ।
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