For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ऐ चाँद !
पूजा तुझे वर्षों
हल्दी,कुमकुम,
अक्षत,रोली,पुष्प,
धूप दीप, नैवेद्य,
करती रही अर्पण
आस ये कि तू
अभिसिंचित करेगा
अपनी शीतल रश्मियों से
प्रेम की अनुभूतियों से
दूर कर देगा मेरे
प्रणय की प्रत्येक विसंगतियों से
पर यह क्या किया .....
सब कुछ बदल दिया !
तू उगलता रहा
अपनी चाँदनी में अदृश्य अंगारे
सुलगती रही जीवन की लहरें
झुलसा- झुलसा तन-मन  
अंतरमन का हाहाकार लिए
अब तू ही बता
तुझे कैसे पूजूँ अब .....
बता ना चाँद ??
बता दे !!

मीना पाठक 
मौलिक/अप्रकाशित 

Views: 462

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Meena Pathak on October 25, 2014 at 10:07pm

बहुत बहुत आभार प्रिय राम

Comment by ram shiromani pathak on October 13, 2014 at 9:07pm
आह बहुत मार्मिक।।बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीया
Comment by Meena Pathak on October 13, 2014 at 2:51pm

आदरणीय  जितेन्द्र जी ..बहुत बहुत आभार 

Comment by Meena Pathak on October 13, 2014 at 2:50pm

आदरणीय केवल जी , बहुत बहुत आभार स्वीकारें 

Comment by Meena Pathak on October 13, 2014 at 2:49pm

आभार आदरणीया सविता जी 

Comment by Meena Pathak on October 13, 2014 at 2:41pm

रचना आप के दिल तक पहुँची लिखना सफल हुआ | बहुत बहुत आभार आ० राजेश जी 

Comment by savitamishra on October 13, 2014 at 12:31pm

सुंदर रचना

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on October 12, 2014 at 11:37pm

सुंदर रचना किन्तु नकारात्मक भाव ? निशब्द हूँ आदरणीया मीना दीदी

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on October 12, 2014 at 5:39pm

बहुत ही सुन्दर, सामयिक और सार्थक रचना के लिए हार्दिक बधाई स्वीकारें। आ0 मीना जी,


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 11, 2014 at 7:03pm

आज के दिन चाँद के प्रति ऐसे नकारात्मक भाव ???दिल को झकझोर गई ये रचना . मीना जी |

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय सौरभ सर ओ बी ओ का मेल वाकई में नहीं देखा माफ़ी चाहता हूँ आदरणीय नीलेश जी, आ. गिरिराज जी ,आ.…"
35 minutes ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
"आदरणीय  अशोक रक्ताले जी सृजन आपकी प्रेरक प्रतिक्रिया से समृद्ध हुआ ।  इंगित बिन्दुओं पर…"
56 minutes ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"ओबीओ का मेल चेक करें "
3 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय सौरभ सर सादर नमन....दोष तो दोष है उसे स्वीकारने और सुधारने में कोई संकोच नहीं है।  माफ़ी…"
3 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"भाई बृजेश जी, आपको ओबीओ के मेल के जरिये इस व्याकरण सम्बन्धी दोष के प्रति अगाह किया था. लेकिन ऐसा…"
3 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय धामी जी स्नेहिल सलाह के लिए आपका अभिनन्दन और आभार....आपकी सलाह को ध्यान में रखते हुए…"
5 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय गिरिराज जी उत्साहवर्धन के लिए आपका बहुत-बहुत आभार और नमन करता हूँ...आपसे आदरणीय नीलेश…"
5 hours ago
बृजेश कुमार 'ब्रज' commented on बृजेश कुमार 'ब्रज''s blog post ग़ज़ल....उदास हैं कितने - बृजेश कुमार 'ब्रज'
"आदरणीय नीलेश जी सर्व प्रथम रचना पटल पे उपस्थिति के लिए आपका हार्दिक आभार....वैसे ये…"
5 hours ago
Admin posted discussions
16 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ सड़सठवाँ आयोजन है।.…See More
17 hours ago
Ashok Kumar Raktale commented on Sushil Sarna's blog post दोहा दशम -. . . . . शाश्वत सत्य
" आदरणीय सुशील सरना जी सादर, जीवन के सत्य पर सुन्दर दोहावली रची है आपने. हार्दिक बधाई…"
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - आँखों की बीनाई जैसा
"आ. भाई नीलेश जी, सादर अभिवादन। बेहतरीन गजल हुई है। हार्दिक बधाई।"
18 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service