For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल..टल लिया जाए.

२१२२   १२१२   २२ 

 

क्यों न चुपचाप चल लिया जाए.

बात बिगड़े न टल लिया जाए.

--

जर्द हालात हैं ज़माने के.

रास्ता ये बदल लिया जाये.

--

दायरे तंग हो गए दिल के.

घुट रहा दम निकल लिया जाए.

--

थक गए पाँव चलकर मगर सोचा.

साथ हैं तो टहल लिया जाए.

--

बर्फ सी जीस्त ये जमी क्यों थी.

खिल गयी धूप गल लिया जाए.

--

वारिशें इश्किया शरारों की.

भींगते ही फिसल लिया जाए.

--

चार दिन ही रही मुअइयन तो.

दो घड़ी को बहल लिया जाए.      **हरिवल्लभ शर्मा दि.22.09.2104

(मौलिक एवं अप्रकाशित)

Views: 668

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by harivallabh sharma on September 30, 2014 at 12:39am

आदरणीय विजय मिश्र जी अभिभूत हुआ आपकी मनोबल बढाती प्रतिक्रिया पाकर...आपका हार्दिक आभार..कृपया स्नेह बनाये रखें सादर.

Comment by विजय मिश्र on September 26, 2014 at 5:48pm
सुंदर ,बहुत सुंदर , बधाई | हरिवल्लभजी , किसी शांत नदी की मंद प्रवाह की तरह हृदय को स्पर्श करती बढती है आपकी यह रचना |हार्दिक बधाई |
Comment by harivallabh sharma on September 26, 2014 at 3:11pm

आदरणीय Dr Ashutosh Mishra जी बहुत आभार आपका ..आपका प्रोत्साहन मार्गदर्शक है कृपया स्नेह बनाये रखें.

Comment by harivallabh sharma on September 26, 2014 at 3:09pm

आदरणीय जितेन्द्र 'गीत' जी आपकी सार्थक प्रतिक्रिया का हार्दिक आभार.स्नेह बनाये रखे ..

Comment by harivallabh sharma on September 26, 2014 at 3:01pm

बहुत बहुत आभार आपका आदरणीय गिरिराज भंडारी जी,आपने ग़ज़ल पर अनुकूल टीप देकर उत्साहित भी किया एवं मेरी चूक पर आपकी नज़र पड़ी शेर मैं..."आप हैं तो टहल लिया जाए." करना चाहूँगा जैसा परामर्श हो कृपया ,तो अनुमति सुधार हेतु चाहूँगा.सादर.

Comment by Dr Ashutosh Mishra on September 25, 2014 at 8:02pm

दायरे तंग हो गए दिल के.

घुट रहा दम निकल लिया जाए...आदरणीय हरिवल्लभ जी उम्दा ग़ज़ल के इस   शेर पर  बिशेष रूप से बढ़ाई स्वीकार करें सादर 

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on September 25, 2014 at 2:20pm

बहुत बढ़िया गजल कही सर जी, आज के समय में बस यही सही रास्ता है..बधाई


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on September 25, 2014 at 7:48am

आदरणीय हरिवल्लभ भाई , बढ़िया ग़ज़ल कही है आपने , दिली बधाइयाँ स्वीकार करें |

क्यों न चुपचाप चल लिया जाए.

बात बिगड़े न टल लिया जाए.

जर्द हालात हैं ज़माने के.

रास्ता ये बदल लिया जाये. ---- ये शे र बहुत सुन्दर लगे , बहुत बधाई |

ये शे र बे बहर हो गया है , देख लीजिएगा --

थक गए पाँव चलकर मगर सोचा.

आपके साथ टहल लिया जाए. -

--

 

Comment by harivallabh sharma on September 24, 2014 at 11:56am

आदरणीय ram shromani pathak जी आपकी प्रभावित करती टिप्पणी उत्साहित करती है , आपका हार्दिक आभार.

Comment by ram shiromani pathak on September 24, 2014 at 9:56am
वाह सीधी साधी बात लेकिन बहुत प्यारे तरीके से।। हार्दिक बधाई आपको आदरणीय।।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
10 hours ago
नाथ सोनांचली commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post नूतन वर्ष
"आद0 सुरेश कल्याण जी सादर अभिवादन। बढ़िया भावभियक्ति हुई है। वाकई में समय बदल रहा है, लेकिन बदलना तो…"
17 hours ago
नाथ सोनांचली commented on आशीष यादव's blog post जाने तुमको क्या क्या कहता
"आद0 आशीष यादव जी सादर अभिवादन। बढ़िया श्रृंगार की रचना हुई है"
17 hours ago
नाथ सोनांचली commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post मकर संक्रांति
"बढ़िया है"
17 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

मकर संक्रांति

मकर संक्रांति -----------------प्रकृति में परिवर्तन की शुरुआतसूरज का दक्षिण से उत्तरायण गमनहोता…See More
18 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

नए साल में - गजल -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

पूछ सुख का पता फिर नए साल में एक निर्धन  चला  फिर नए साल में।१। * फिर वही रोग  संकट  वही दुश्मनी…See More
18 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post नूतन वर्ष
"बहुत बहुत आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। दोहों पर मनोहारी प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी , सहमत - मौन मधुर झंकार  "
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"इस प्रस्तुति पर  हार्दिक बधाई, आदरणीय सुशील  भाईजी|"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service