For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

सामायिक गीत !

सामायिक गीत !
==========
मन से मन की बात चलेगी
सहज भाव अपनापन होगा।
जुड़े नहीं जो तार ये मन के
सूखा और सूनापन होगा !

छद्म ,छल-कपट छलिया बन के
मेघदूत आये सावन के !
किसका ये सब रचा हुआ है /
मुद्दे का सत्यापन होगा !
मन से मन की बात चलेगी
सहज भाव अपनापन होगा   …।

हर मौसम को धरा सह गई
बिन बरसे बरसात बह गई
नीलगगन के सम्मुख भू का
इसी बात पर ज्ञापन होगा !
मन से मन की बात चलेगी
सहज भाव अपनापन होगा   …।

मन-भावन सावन पुरवाई
आँचल में भर कर ले आई !!
जलवायु के संग बदरिया !!!!!
कब तक ये विज्ञापन होगा ?
मन से मन की बात चलेगी
सहज भाव अपनापन होगा   …।
=====================
@ अविनाश बागड़े /मौलिक-अप्रकाशित 

Views: 739

Facebook

You Might Be Interested In ...

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' on July 23, 2014 at 10:38am

आ0 बंधु अविनाश जी , पावस ऋतु को संदर्भित करते हुए जो सम सामययिक गीत रचा है , उसे पढ़कर मन आल्हादित है । इस गीत के लिए कोटि कोटि बधाई ।


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on July 22, 2014 at 8:48pm

हर मौसम को धरा सह गई
बिन बरसे बरसात बह गई
नीलगगन के सम्मुख भू का
इसी बात पर ज्ञापन होगा !
मन से मन की बात चलेगी
सहज भाव अपनापन होगा   …  लाजवाब !! भाई अविनाश जी आपको बधाइयाँ ॥

Comment by AVINASH S BAGDE on July 22, 2014 at 7:00pm

आदरणीय सौरभ जी आपके इस सद्भाव का ह्रदय से आभार /रचना सार्थक हुई। @Saurabh Pandey ji


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on July 22, 2014 at 2:58pm

इस नये अंदाज़ और संप्रेषण समृद्ध गीत के लिए हार्दिक बधाई आदरणीय अविनाभाईजी.

अंतिम दो बन्द के लिए विशेष बधाई दे रहा हूँ.

Comment by AVINASH S BAGDE on July 22, 2014 at 2:07pm

....साधुवाद !Dr. Vijai Shanker sir

Comment by Dr. Vijai Shanker on July 22, 2014 at 1:24pm
हर मौसम को धरा सह गई
बिन बरसे बरसात बह गई
नीलगगन के सम्मुख भू का
इसी बात पर ज्ञापन होगा !
मन से मन की बात चलेगी
सहज भाव अपनापन होगा …।
अच्छा है , बधाई।
Comment by AVINASH S BAGDE on July 20, 2014 at 11:58pm
Comment by AVINASH S BAGDE on July 20, 2014 at 11:58pm

mrs manjari pandey ????????????????????????????

Comment by AVINASH S BAGDE on July 20, 2014 at 11:57pm

वेदिका जी Meena Pathak जी ......साधुवाद !

Comment by डॉ गोपाल नारायन श्रीवास्तव on July 20, 2014 at 9:26pm

निश्चय ही सामयिक i

अच्छी रचना के लिए बधाई i

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक- झूठ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। दोहों पर आपकी उपस्थिति और प्रशंसा से लेखन सफल हुआ। स्नेह के लिए आभार।"
18 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . पतंग
"आदरणीय सौरभ जी सृजन के भावों को आत्मीय मान से सम्मानित करने का दिल से आभार आदरणीय "
20 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post शर्मिन्दगी - लघु कथा
"आदरणीय सौरभ जी सृजन के भावों को मान देने एवं सुझाव का का दिल से आभार आदरणीय जी । "
20 hours ago
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . जीत - हार
"आदरणीय सौरभ जी सृजन पर आपकी समीक्षात्मक प्रतिक्रिया एवं अमूल्य सुझावों का दिल से आभार आदरणीय जी ।…"
20 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई चेतन जी, सादर अभिवादन। सुंदर गीत रचा है। हार्दिक बधाई।"
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई सुरेश जी, अभिवादन। सुंदर गीत हुआ है। हार्दिक बधाई।"
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं।भाई अशोक जी की बात से सहमत हूँ। सादर "
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"दोहो *** मित्र ढूँढता कौन  है, मौसम  के अनुरूप हर मौसम में चाहिए, इस जीवन को धूप।। *…"
Monday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"  आदरणीय सुशील सरना साहब सादर, सुंदर दोहे हैं किन्तु प्रदत्त विषय अनुकूल नहीं है. सादर "
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी सादर, सुन्दर गीत रचा है आपने. प्रदत्त विषय पर. हार्दिक बधाई स्वीकारें.…"
Sunday
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-171
"  आदरणीय सुरेश कुमार 'कल्याण' जी सादर, मौसम के सुखद बदलाव के असर को भिन्न-भिन्न कोण…"
Sunday
Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . धर्म
"आदरणीय सौरभ जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय "
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service