For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

बह्र : २२ २२ २२ २

जीने का या मरने का
ढंग अलग हो करने का

सबका मूल्य बढ़ा लेकिन
भाव गिर गया धरने का

आज बड़े खुश मंत्री जी
मौका मिला मुकरने का

सिर्फ़ वोट देने भर से
कुछ भी नहीं सुधरने का

कूदो, मर जाओ `सज्जन'
नाम तो बिगड़े झरने का
-
(मौलिक एवं अप्रकाशित

Views: 533

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on May 1, 2014 at 10:02am

आदरणीय सौरभ जी, नमन आपके भीतर के पाठक को। स्नेह बना रहे।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on May 1, 2014 at 2:09am

ये झुका मैं.. और... नमन-नमन-नमन ..

ग़ज़ब साहब !! .. पूर्ववत.. मोह लिया.. !

सबका मूल्य बढ़ा लेकिन
भाव गिर गया धरने का.. . .जवाब नहीं. ! .. :-)))

सादर

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on April 17, 2014 at 5:50pm

तह-ए-दिल से शुक्रगुज़ार हूँ गिरिराज भंडारी साहब। स्नेह बना रहे।

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on April 17, 2014 at 5:50pm

बहुत बहुत धन्यवाद gumnaam pithoragarhi साहब

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on April 17, 2014 at 5:50pm

बहुत बहुत शुक्रिया Sachin Dev साहब

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on April 17, 2014 at 5:49pm

बहुत बहुत धन्यवाद Meena Pathak जी

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on April 17, 2014 at 5:49pm

बहुत बहुत शुक्रिया भुवन निस्तेज साहब

Comment by धर्मेन्द्र कुमार सिंह on April 17, 2014 at 5:48pm

बहुत बहुत शुक्रिया Mukesh Verma "Chiragh" जी


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on April 15, 2014 at 6:16pm

बहुत खूब भाई धर्मेन्द्र , ढेरों दाद हाज़िर है , इस ग़ज़ल के लिये !!

Comment by gumnaam pithoragarhi on April 15, 2014 at 5:47pm

सबका मूल्य बढ़ा लेकिन

भाव गिर गया धरने का

khoob achchha kahaa hai,,,,,,

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"रचना पटल पर उपस्थिति और विस्तृत समीक्षात्मक मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर…"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"जिजीविषा गंगाधर बाबू के रिटायर हुए कोई लंबा अरसा नहीं गुजरा था।यही दो -ढाई साल पहले सचिवालय की…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी साहब जी , इस प्रयोगात्मक लघुकथा से इस गोष्ठी के शुभारंभ हेतु हार्दिक…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service