मैं नारी हूँ .. "कुसुम अवदात नहीं हूँ"
सौंदर्य बोध से गढ़ी हूँ
मानवता के लिए कड़ी हूँ
सबके के लिए अहिर्निश खड़ी हूँ
भावनाओं से नित जड़ी हूँ
कभी किसी से नहीं हूँ कम,
इस बात पर अड़ी हूँ
मैं नारी हूँ..... बिन स्वर का गान नहीं हूँ ।
दिल में उत्साह भरा है अपरिमित
हर वक्त सेवा में हूँ समर्पित
शक्तियों से हूँ मैं निर्मित
जो चाहूँ वो करती हूँ अर्जित
इससे हूँ में सदा ही गर्वित
मैं नारी हूँ.........शक्ति से अंजान नहीं हूँ ।
नारी ही नर को नव जीवन देती
बदले में वो कुछ न लेती
हर पीड़ा को हँस कर सहती
ना हो मुझसे कोई भी आहत
वो सदा ही खुद से यह कहती
मैं नारी हूँ........बिना फूल का बागान नहीं हूँ ।
इस प्रवंचनाओं के जग में
खुद जीती हूँ खुदी से
हिमालय से बहती निर्मल गंगा में
अविरल बहती हूँ खुशी से
मैं नारी हूँ........निर्जन पोखर का पाषाण नहीं हूँ ।
गर करोगे मनुहार तो
मोहिनी सी हूँ मैं
करोगे आघात तो
शेरनी सी हूँ मैं
बहोगे मेरे साथ सहजता से तो
तरने वाली तरणी हूँ
मैं नारी हूँ.......... बिना धार की तलवार नहीं हूँ ।
मैं बेटी हूँ
मैं पत्नी हूँ
मैं हूँ जननी
मैं नारी हूँ........किसी की जायदाद नहीं हूँ ।
नया गान गाती नारी ने
संभावनाओं को ढूंढ निकाला है
क्योंकि नारी ने खुद को पहचाना है
कल्पना मिश्रा बाजपेई
मौलिक व अप्रकाशित
Comment
आदरणीय पाण्डेय सर बहुत बहुत आभार सादर !!!!!!!!
इस रचना की अस्मिता को मेरा नम.
सादर
आदरणीया प्राची मैडम, आप सही कह रहीं हें। अभी मेरी लेखनी घुटनों के बल चलना सीख रही है ।
आप संबुद्ध जनों के सिखावन व प्रोत्साहन कि जरूरत हमेशा रहेगी ।नजरें इनायत करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया । सादर
नया गान गाती नारी ने
संभावनाओं को ढूंढ निकाला है
क्योंकि नारी ने खुद को पहचाना है...................बिलकुल सही बात
अपने आप को अपनी शक्तियों को पहचाने से ही स्वाभिमान से नारी खड़ी हो सकी है.. जो ठान ले तो संभावनाएं अपरिमित
नारी स्वाभिमान को शब्दबद्ध करती रचना... आपकी भावनाएं कथ्य बहुत सुन्दर हैं बस उन्हें शिल्प के लिहाज से थोड़ा और संयत हो कर निखारना है
इस प्रस्तुति पर बधाई
आ0 गिरराज भण्डारी जी आ0 लक्ष्मण धामी जी आप को यह रचना पसंद आई मेरा लिखना सार्थक हो गया ।सादर!!!!!!!!!
कल्पना मिश्रा बाजपेई
आदरणीया माहेश्वरी जी , नारी गरिमा को बहुत सुंदर शब्दों से संजोती रचना, बधाई स्वीकारें
आदरणीया महेश्वरी जी , नारी अस्मिता को परिभाषित करती आपकी सुन्दर रचना के लिये बधाइयाँ ॥
कल्पना जी बहुत खूब , बधाई आपको इस सुंदर रचना के लिए ।
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