For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

हे हंस वाहिनी प्रमुदित स्वर दो

माँ कल्याणी करुणा कर दो

हे हंस .........

ध्यान करूँ माँ तेरा निस -दिन

मंद बुद्धि को नूतन अक्षर दो

अहंकार का नास करो माँ

वीणा पाणि जाग्रत कर दो

हे हंस ..........

जीवन में छाया अँधियारा

ज्योतिर्मय उर आँगन कर दो

हो जाए मन में उजियारा

वरद हस्त सिर पर माँ रख दो

हे हंस ...........

पल -पल चिंतन रहे चिरंतर

इतनी उर में शक्ति भर दो

स्वप्नों में हो ज्ञान निरंतर

शब्द सुरभि की लहर चला दो

हे हंस ...........

छू -छू मन मृत रज कण को माँ

बरसो शब्दों में मधु बनकर

कर दो तृण -तृण को चेतन माँ

आज लूटा दो प्यार का सागर

सन्स्क़ृति के माँ तू सावन दो

हे हंस ..........

क्षण भंगुर जीवन अँधियारा

फिरता हूँ मैं जग में भटमारा

देदो अपना तनिक सहारा

बुद्धि को झंक़ृत कर दो माँ

हे हंस वाहिनी प्रमुदित स्वर दो ।

माँ कल्याणी करुणा कर दो ।

कल्पना मिश्रा बाजपेई

मौलिक व अप्रकाशित

Views: 517

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on March 11, 2014 at 9:23pm

आ.  कल्पना जी , सुन्दर माँ सरस्वती वन्दना के लिये आपको हार्दिक बधाई ॥

Comment by kalpna mishra bajpai on March 11, 2014 at 3:40pm

आ0 कल्पना दी ,आ0 मीना दी और जितेन्द्र सर आप लोग अपना समय देते हो मेरी छोटी सी कोशिश को दिल से आभारी हूँ !!!!!!!!

आप सभी से अनुरोध है कि जहाँ गलती लगे वहाँ जरूर टोकना............. धन्यवाद .........

Comment by Meena Pathak on March 11, 2014 at 9:32am
Maa ki kripa barastee rahe aap par .. Badhai
Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on March 11, 2014 at 7:16am

 बहुत ही सुंदर मनमुग्ध कर देती, माँ सरस्वती की वंदना पर बहुत बहुत बधाई आपको आदरणीया कल्पना जी

Comment by कल्पना रामानी on March 10, 2014 at 11:14pm

आदरणीया कल्पना मिश्रा जी, मन से की गई प्रार्थना अवश्य फलीभूत होगी। शुभकामनाओं सहित हार्दिक बधाई  

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"यूॅं छू ले आसमाॅं (लघुकथा): "तुम हर रोज़ रिश्तेदार और रिश्ते-नातों का रोना रोते हो? कितनी बार…"
Tuesday
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-109 (सियासत)
"स्वागतम"
Sunday
Vikram Motegi is now a member of Open Books Online
Sunday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . .पुष्प - अलि

दोहा पंचक. . . . पुष्प -अलिगंध चुराने आ गए, कलियों के चितचोर । कली -कली से प्रेम की, अलिकुल बाँधे…See More
Sunday
अमीरुद्दीन 'अमीर' बाग़पतवी replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय दयाराम मेठानी जी आदाब, ग़ज़ल पर आपकी आमद और हौसला अफ़ज़ाई का तह-ए-दिल से शुक्रिया।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दयाराम जी, सादर आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई संजय जी हार्दिक आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई मिथिलेश जी, सादर अभिवादन। गजल की प्रशंसा के लिए आभार।"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. रिचा जी, हार्दिक धन्यवाद"
Apr 27
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आ. भाई दिनेश जी, सादर आभार।"
Apr 27
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166
"आदरणीय रिचा यादव जी, पोस्ट पर कमेंट के लिए हार्दिक आभार।"
Apr 27
Shyam Narain Verma commented on Aazi Tamaam's blog post ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Apr 27

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service