For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दरवाज़ा तो मैंने ही खुला छोड़ा था 

कि तुम भीतर आओगे
और बंद कर दोगे /
मगर
खुले दरवाज़े से आते रहे
सर्द हवाओं के झोंके
और ठिठुरता रहा मैं /
चेतनाशून्य होने ही वाला था कि
किसी ने
भीतर आ के
दरवाज़ा बंद कर लिया /
अधमुंदी आँखों से मैंने देखा
वो तुम नहीं थे /
मगर वो गर्मी कितनी सुखद थी /
और फिर
ना जाने कैसे
कब से
पेड़ कि फुनगी पर
बैठा चाँद
चुपके से उतर कर
मेरी आँखों में समा गया /
और रात बीत गई ।

 

 

मौलिक एवं अप्रकाशित
अरविन्द भटनागर 'शेखर'

Views: 682

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 4, 2014 at 4:39am

इस रुमानी बयान में रचनाकार ने ’वो तुम नहीं थे..’ कह कर मानों रहस्य भी पिरोया है ..

मुलायम अनुभूति की प्रस्तुति-श्रेणियों के लिए हार्दिक धन्यवाद,भाईजी.

शुभेच्छाएँ

Comment by रमेश कुमार चौहान on February 1, 2014 at 4:25pm

सुंदर अभिव्यक्ति

 बधाई बधाई

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on February 1, 2014 at 10:40am

कोमल भावों से संजोयी रचना, हार्दिक बधाई आदरणीय अरविन्द जी

Comment by ARVIND BHATNAGAR on February 1, 2014 at 8:19am

आदरणीय डॉ o प्राची  जी, कविता की  सराहना के लिए बहुत बहुत  धन्यवाद् । मेरा प्रयास सार्थक हुआ । 

Comment by ARVIND BHATNAGAR on February 1, 2014 at 8:17am

आदरणीय मीना   जी, Coontee Mukerji  जी, कविता की  सराहना के लिए बहुत बहुत  धन्यवाद् 

Comment by ARVIND BHATNAGAR on February 1, 2014 at 8:14am

आदरणीय नादिर  जी, पवन अम्बा  जी, कविता की  सराहना के लिए धन्यवाद् 

Comment by ARVIND BHATNAGAR on February 1, 2014 at 8:12am

आदरणीय ब्रजेश नीरज जी, वंदना जी, सराहना के लिए धन्यवाद् 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on January 31, 2014 at 9:14pm

कोमल मर्मस्पर्शी अभिव्यक्ति 

शुभकामनाएं 

Comment by coontee mukerji on January 31, 2014 at 8:48pm


पेड़ कि फुनगी पर
बैठा चाँद
चुपके से उतर कर
मेरी आँखों में समा गया /
और रात बीत गई ।........अति सुंदर....हार्दिक  बधाई.

Comment by Meena Pathak on January 31, 2014 at 3:51pm
बहुत सुन्दर रचना ...बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
22 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post दोहा सप्तक
"आ. भाई सुरेश जी, सादर अभिवादन। सुंदर दोहे हुए हैं । हार्दिक बधाई।"
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"सादर नमस्कार आदरणीय।  रचनाओं पर आपकी टिप्पणियों की भी प्रतीक्षा है।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय उस्मानी जी।नमन।।"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आपका हार्दिक आभार आदरणीय तेजवीर सिंह जी।नमन।।"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बहुत ही भावपूर्ण रचना। शृद्धा के मेले में अबोध की लीला और वृद्धजन की पीड़ा। मेले में अवसरवादी…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"कुंभ मेला - लघुकथा - “दादाजी, मैं थक गया। अब मेरे से नहीं चला जा रहा। थोड़ी देर कहीं बैठ लो।…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय मनन कुमार सिंह जी, हार्दिक बधाई । उच्च पद से सेवा निवृत एक वरिष्ठ नागरिक की शेष जिंदगी की…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"बढ़िया शीर्षक सहित बढ़िया रचना विषयांतर्गत। हार्दिक बधाई आदरणीय मनन कुमार सिंह जी।…"
Friday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"रचना पटल पर उपस्थिति और विस्तृत समीक्षात्मक मार्गदर्शक टिप्पणी हेतु हार्दिक धन्यवाद आदरणीय तेजवीर…"
Friday
Manan Kumar singh replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"जिजीविषा गंगाधर बाबू के रिटायर हुए कोई लंबा अरसा नहीं गुजरा था।यही दो -ढाई साल पहले सचिवालय की…"
Friday
TEJ VEER SINGH replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-119
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी साहब जी , इस प्रयोगात्मक लघुकथा से इस गोष्ठी के शुभारंभ हेतु हार्दिक…"
Friday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service