For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

ग़ज़ल - (रवि प्रकाश)

ग़ज़ल
बहर-।।ऽ।ऽ ।।ऽ।ऽ (प्रथम प्रयास)
..
कभी चाँदनी सी खिला करे,
कभी धूप बन के सजा करे।
..
सभी चाहतों से हों देखते,
तू नज़र-नज़र में बसा करे।
..
कोई ख़्वाब में हो सँवारता,
कोई राहतों की हवा करे।
..
जहाँ लड़खड़ाएँ क़दम वहीं,
कोई हाथ बढ़ के वफ़ा करे।
..
रहें मंज़िलें तेरे सामने,
हो कठिन डगर तो हुआ करे।
..
जिसे देखता हूँ मैं ख़्वाब में,
वही शख़्स तुझमें मिला करे।
..
मेरा फ़न रहे,तेरी सादगी,
मेरी हर ग़ज़ल ये दुआ करे॥
...
-मौलिक एवं अप्रकाशित।
-31.12.2013

Views: 687

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ravi Prakash on January 8, 2014 at 8:46am
धन्यवाद जी !!!

सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on January 7, 2014 at 11:20pm

दिल से बधाई स्वीकारें, रवि प्रकाश भाई

Comment by Ravi Prakash on January 7, 2014 at 9:15pm
धन्यवाद प्रियंका जी।
Comment by Ravi Prakash on January 7, 2014 at 9:12pm
आ॰ योगराज जी, सराहना तथा उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद। आशीर्वाद बनाए रखें॥
Comment by Priyanka singh on January 7, 2014 at 4:46pm

रहें मंज़िलें तेरे सामने,
हो कठिन डगर तो हुआ करे।
..
जिसे देखता हूँ मैं ख़्वाब में,
वही शख़्स तुझमें मिला करे।....वाह वाह बहुत खूब ग़ज़ल कही अपने ....बधाई आपको....


प्रधान संपादक
Comment by योगराज प्रभाकर on January 7, 2014 at 4:29pm

भाई रवि प्रकाश जी, डॉ बशीर बद्र साहिब की पसंसीदा बह्र को आधा करके बहुत ही बढ़िया अश'आर कहे हैं. दिल से बधाई दे रहा हूँ, स्वीकार करें।

Comment by Ravi Prakash on January 4, 2014 at 4:28pm
सराहना तथा उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद अरुण जी।
Comment by अरुन 'अनन्त' on January 3, 2014 at 3:34pm

भाई रवि प्रकाश जी वाह बेहतरीन ग़ज़ल शानदार अशआर हुए हैं खासकर ये दो अधिक पसंद आये बहुत बहुत बधाई स्वीकारें.

जिसे देखता हूँ मैं ख़्वाब में,
वही शख़्स तुझमें मिला करे। क्या कहने भाई
..
मेरा फ़न रहे,तेरी सादगी,
मेरी हर ग़ज़ल ये दुआ करे॥ वाह

Comment by Ravi Prakash on January 3, 2014 at 10:03am
सराहना तथा उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद आ॰ वंदना जी। आशीर्वाद बनाए रखें॥
Comment by vandana on January 3, 2014 at 5:27am

कभी चाँदनी सी खिला करे,
कभी धूप बन के सजा करे।

रहें मंज़िलें तेरे सामने,
हो कठिन डगर तो हुआ करे।

बहुत बढ़िया ग़ज़ल आदरणीय रवि जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना: मिथिलेश वामनकर

कहूं तो केवल कहूं मैं इतना कि कुछ तो परदा नशीन रखना।कदम अना के हजार कुचले,न आस रखते हैं आसमां…See More
58 minutes ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"हार्दिक धन्यवाद आदरणीय।"
1 hour ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ओबीओ द्वारा इस सफल आयोजन की हार्दिक बधाई।"
7 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"धन्यवाद"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"ऑनलाइन संगोष्ठी एक बढ़िया विचार आदरणीया। "
yesterday
KALPANA BHATT ('रौनक़') replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"इस सफ़ल आयोजन हेतु बहुत बहुत बधाई। ओबीओ ज़िंदाबाद!"
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Dr.Prachi Singh replied to मिथिलेश वामनकर's discussion ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024
"बहुत सुंदर अभी मन में इच्छा जन्मी कि ओबीओ की ऑनलाइन संगोष्ठी भी कर सकते हैं मासिक ईश्वर…"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a discussion

ओबीओ मासिक साहित्यिक संगोष्ठी सम्पन्न: 25 मई-2024

ओबीओ भोपाल इकाई की मासिक साहित्यिक संगोष्ठी, दुष्यन्त कुमार स्मारक पाण्डुलिपि संग्रहालय, शिवाजी…See More
Sunday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय जयनित जी बहुत शुक्रिया आपका ,जी ज़रूर सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय संजय जी बहुत शुक्रिया आपका सादर"
Saturday
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार अच्छी ग़ज़ल कही आपने बधाई स्वीकार कीजिये गुणीजनों की टिप्पणियों से जानकारी…"
Saturday
Aazi Tamaam replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-167
"बहुत बहुत शुक्रिया आ सुकून मिला अब जाकर सादर 🙏"
Saturday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service