For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

तुमने खीची थी जो

सादे पन्ने पर

आड़ी तिरछी रेखाएं

वही मेरी जिंदगी की

तस्वीर  है

वही जी रहा हूँ.

 

रस भरी के फल

जिसे छोड़ दिया था

तुमने कड़वा कहकर

वही मेरी जिंदगी की

मिठास  है .

वही जी रहा हूँ ..

 

मंजिल पाने की जल्दी में

जिस राह को छोड़ कर

तुमने लिया था शोर्ट कट

वही मेरी जिंदगी की

राह है .

वही जी रहा हूँ .

 

तुम हो गये मुझसे दूर

तुम्हे अंक के पहले का शून्य बनना था

मैं तुम्हारा शून्य समेटे हूँ

वही मेरी जिंदगी का

सत्य  है

वही जी रहा हूँ . 

मौलिक एवं अप्रकाशित .. 

Views: 554

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Neeraj Neer on December 19, 2013 at 8:20am

आदरणीय सौरभ जी आपकी टिप्पणी से उत्साह बढ़ा है , सादर धन्यवाद ..

Comment by Neeraj Neer on December 19, 2013 at 8:19am

आदरणीय जीतेन्द्र गीत जी बहुत बहुत धन्यवाद..


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 18, 2013 at 11:49pm

हताशा से उपजी और झल्लाहट भरी वैचारिकता को जीती इस अभिव्यक्ति के लिए हार्दिक बधाई.

शुभ-शुभ

Comment by जितेन्द्र पस्टारिया on December 10, 2013 at 10:05am

मंजिल पाने की जल्दी में

जिस राह को छोड़ कर

तुमने लिया था शोर्ट कट

वही मेरी जिंदगी की

राह है .

वही जी रहा हूँ .

क्या बात है, स्वार्थी और अवसरवादी इंसानों पर सटीक वार करती पंक्तियाँ, इस मर्मस्पर्शी रचना पर हार्दिक बधाई आदरणीय नीरज जी

Comment by Neeraj Neer on December 10, 2013 at 9:43am

आदरणीया वंदना तिवारी जी आपकी टिप्पणी से हौसला बाधा है , आपका हार्दिक धन्यवाद . 

Comment by Neeraj Neer on December 10, 2013 at 9:42am

आदरणीय गिरिराज  भंडारी साहब बहुत धन्यवाद .. 

Comment by Neeraj Neer on December 10, 2013 at 9:41am

आदरणीय अरुण भाई हार्दिक आभार..

Comment by Vindu Babu on December 10, 2013 at 8:28am
आदरणीय नीरज जी अच्छी 'कविता' रची है,कई बार पढी...प्रभावित किया।
सादर बधाई इस हृदयस्पर्शी रचना के लिए।
सादर

सदस्य कार्यकारिणी
Comment by गिरिराज भंडारी on December 9, 2013 at 5:22pm

आदरणीय नीरज भाई , सुन्दर रचना के लिये बधाई !!!!!

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 9, 2013 at 3:40pm

आदरणीय नीरज भाई जी बहुत ही सुन्दर भाव से भरी रचना बधाई आपको

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
4 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
5 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
8 hours ago
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
21 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
Monday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Jul 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Jul 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service