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तुम वही हो
जिसके लिए मैने स्वपन बुने है
तुम वही हो
जिसकी धुन मैने गुने है
तुम वही हो
जिसके लिए ह्रदय मे स्पंदन है
तुम वही हो
जिसके लिए मन में बँधन है
तुम वही हो
जिसके बिना आँखो मे नमी सी थी
तुम वही हो
जिसकी जीवन में कमी सी थी

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Comment by Raju on January 16, 2011 at 10:12pm
ha ha ha ha.........Dhanywaad

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on January 16, 2011 at 3:53pm
क्या बात है राजू भाई , यह तो लगता है  हौले हौले वाली अभिव्यक्ति है ......बहुत बढ़िया |
Comment by Raju on January 16, 2011 at 11:02am
dhanywaad
Comment by विवेक मिश्र on January 16, 2011 at 2:08am

seedhee-saadee aur bhaavpoorna abhivyakti.

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