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!!! मां शारदे !!! //हरिगीतिका छन्द//

तुम दिव्य देवी बृहम तनुजा हृदय करूणा धारिणी।
संगीत वीणा ताल सरगम धर्म बृहमा चारिणी।।
कर कमल धारण हंस वाहन ज्ञान पुस्तक वाचिनी।
अति मधुर कोमल दया समता प्रेम रसता रागिनी।।1

कल्याणकारी सत्यधारी श्वेत वसनं शोभनं।
संसार सारं कंज रूपं वेद ज्ञानं बोधनं।।
मन प्रीत प्यारी रीति न्यारी प्रकृति सारी धारती।
सब देव-दानव जीव-मानव शरण आते तारती।।2

उध्दार करती द्वेष हरती पाप-संकट काटती।
तुम तेज रूपं शक्ति स्रोतं देव भावं भारती।।
मां लक्ष्य मेरी शरण तेरी दीन सेवक पाप सा।
तुम कोष विद्या आदि-आद्या ज्ञान देती जाप सा।।3

सत सार सरला गर्व कमला शक्ति देवी दुर्गमा।
अति जार जारा कर्महारा मोक्ष दाती स्वर्ग मा।।
जय रूप देवी जयति देवी मान देही गर्व मां।
हे काल काली धर्म धारीं पाप-पापी गर्त मा।।4

के0पी0सत्यम/मौलिक व अप्रकाशित

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Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 3, 2013 at 9:29pm

आ0 अन्नपूर्णा जी,  सादर प्रणाम!    आपके अपार स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 3, 2013 at 9:28pm

आ0 विजय सर जी,  सादर प्रणाम!  मैने जिस मनोयोग से लिखा आपने उससे कहीं अधिक तल्लीनता और ध्यान योग से पढ़ा है।  आपके अपार स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 3, 2013 at 9:24pm

आ0 अखिलेश भाई जी,  राधे! राधे!  आपके स्नेह और उत्साहवर्धन हेतु आपका हार्दिक आभार।  सादर,

Comment by mrs manjari pandey on September 3, 2013 at 9:21pm

        आदरणीय केवल प्रसाद जी मा शारदे की अनुपम कृपा से मनोहर छन्द रच गये.  बहुत बहुत बधाईयां  !

Comment by annapurna bajpai on September 3, 2013 at 3:50pm

आ० केवल भाई जी बड़ी ही मनोहर हरिगीतिका छंद मे माँ शरदे की वंदना है , बहुत बधाई स्वीकारें । 

Comment by विजय मिश्र on September 3, 2013 at 12:28pm
बहुत प्रेम से लिखी है आपने इस वंदना को , रचना के समय भी आप वंदन भाव में पूर्णतः डूबे थे ,स्पष्ट है . जय माता सरस्वती , आभार केवल भाई .
Comment by अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव on September 3, 2013 at 10:40am

 केवल भाई - सप्रेम राधे-राधे ॥ मां शारदा की सुंदर वंदना हेतु हार्दिक बधाई, वरना नायिकाओं की वंदना से ही लोगों को फुर्सत कहां॥

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 3, 2013 at 8:04am

आ0 राजनवादवी जी,  सादर प्रणाम!  मां शारदे की वंदना को आपने पसन्द किया।  आपका हार्दिक आभार,  सादर,

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on September 3, 2013 at 8:02am

आ0 शुभ्रा जी,  सादर प्रणाम!  मां शारदे की वंदना पर आपका स्नेह और उत्साहवर्धन पा कर अतिप्रसन्नता मिली।  आपका हार्दिक आभार,  सादर,

Comment by shubhra sharma on September 2, 2013 at 11:27pm

जय माता रानी की ..............बहुत सुंदर रचना हेतु बधाई आदरणीय केवल जी 

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