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लघु -कथा - अधूरा काम

बूढी दादी अपने पोते गोलू को लेकर गाँव के प्राथमिक विद्यालय में गई . उनको देखकर मास्टर साहब कहने लगे कि आपने इतना कष्ट क्यों किया . दादी जी बोली -गोलू पढ़ेगा इसी विद्यालय में लेकिन दोपहर का खाना ये घर पर ही खायेगा . बस एक ही बात कहने को आयी हूँ कि इसके पिता ने हमें शहीद की माँ होने का गौरव दिया है और इसे उसके अधूरे काम को पूरा करने के लिए जिन्दा रहना है .

शुभ्रा शर्मा 'शुभ '

मौलिक और अप्रकाशित

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Comment by shubhra sharma on August 13, 2013 at 10:24am

आदरणीय अरुण   जी ,   बधाई के लिए हार्दिक  धन्यवाद 

Comment by shubhra sharma on August 13, 2013 at 10:23am

आदरणीया कल्पना  जी   सराहना एवं बधाई के लिए धन्यवाद 

Comment by shubhra sharma on August 13, 2013 at 10:20am

आदरणीय केवल प्रसाद जी  , कथा के चरम तक पहुँचने के लिए सादर आभार 

Comment by shubhra sharma on August 13, 2013 at 10:18am

आदरणीय लडिवाला जी , आपके आशीर्वाद से इस लघु कथा का मान बढ़ा है , सादर आभार 

Comment by अरुन 'अनन्त' on August 13, 2013 at 10:11am

आदरणीया शुभ्रा जी कथा बेशक लघु है किन्तु बात बहुत बड़ी कही है आपने, बहुत बहुत बधाई

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on August 13, 2013 at 9:45am

स्कूलों में मिड-डे-मील को लक्ष्य कर लिखी लघु कहानी सुन्दर सदेश देती संक्षिप्त में बहुत कुछ कहती हुई है | धीरू बधाइयां 

आदरणीया शुभ्रा शर्मा जी | सादर 

Comment by Shubhranshu Pandey on August 13, 2013 at 9:36am

आ. शुभ्रा जी, सम सामयिक घटनाओं को आधार बनाते हुये एक सशक्त कथा बनी है.

कहानी के अन्त ने पूरे भाव को बदल कर रख दिया है. बहुत सुन्दर 

सादर.

Comment by कल्पना रामानी on August 13, 2013 at 9:26am

छोटी सी रचना में आपने बहुत बड़ी बात कह दी है शुभ्रा जी, सीधे मन में उतर गई। आप निश्चित ही बधाई की पात्र हैं

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on August 12, 2013 at 9:18pm

आ0 शुभ्रा जी, वाह! इक लघु कथा के चंद पंक्ति में आपने बड़ी जीवटता से समाज का दंश उभारा है। जिसके लिए आप बधाई की पात्र हैं। जबकि नेता इस कहानी के बदले में 5/- और 12/- रूपये में खाना खिलाकर इतिहास दोहराना चाहते हैं। आपको ढेरों बधाईयां। सादर,

Comment by shubhra sharma on August 12, 2013 at 6:15pm

आदरणीया महिमा जी,इस लघु कथा 'अधूरे काम ' को मान देने के लिए बहुत बहुत आभार  

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