For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दमदार निर्णय और सशक्त भारत

भारत ने दुनिया में एक विकासशील तथा लोकतांत्रिक देश के रूप में पहचान बनाई है और विकसित देशों के बीच भारत की सशक्त छवि भी कई अवसरों पर सामने आई है। पिछले दिनों अमेरिका के राष्टपति बराक हुसैन ओबामा ने भी अपनी यात्रा के दौरान दुनिया के शक्तिशाली देशों में शामिल करते हुए भारत की कई उपलब्धियों को लेकर प्रशंसा के कसीदे गढ़े। यह बात  भी सही है कि भारत को सशक्त देश के तौर पर दुनिया में एक अरसे पहले बेहतर मुकाम नहीं मिल पाया था और भारतीय विदेश नीति पर आए दिन कई तरह के सवाल खड़े किए जाते रहे हैं, लेकिन हाल ही में भारत के दो दमदार निर्णय ने विदेशी मामलों के जानकारों समेत दुनिया में विकसित देश का तमगा ओढ़कर विकासशील देशों पर तानाशाही रवैया अपनाने वालों को सकते में डाल दिया है। ऐसे में कूटनीतिक दृष्टि से इन निर्णयों से सशक्त भारत के निर्माण में कई तरह के कयास लगाए जाने लगे हैं।
कुछ दिनों पहले पाकिस्तान के राष्टपति रहे परवेेज मुसर्रफ ने भारत दौरे पर आने की पेशकश करते हुए वीजा देने की मांग की थी, जिसे विदेश मंत्रालय ने ठुकरा दिया। मुसर्रफ कह रहे थे कि वे भारत के अनेक धरोहरों का भ्रमण करना चाहते हैं। वैसे मुसर्रफ करीब दो साल पहले भारत के यात्रा पर आए थे और उस दौरान भारत-पाक संबंध सुधर जाएंगे, ऐसा हर किसी को लग रहा था, मगर वार्ता का कोई प्रतिफल नहीं निकला। एक बात छिपी नहीं है कि पाकिस्तान अपने नापाक इरादे से आए दिन आतंकी हमलों से भारत को नुकसान पहुंचाने की कोशिश करते रहा है और आतंकी गतिविधियों को भारत में संचालित करने की जानकारी खुफिया एजंेसी भी देती रही हैं। भारत-पाक संबंधों में लंबे समय से खटास कायम है, इसका एक ही कारण समझ में आता है कि आतंकी घुसपैठ। यही कारण है कि भारतीय विदेश मंत्रालय ने दो टूक शब्दों में मुसर्रफ को वीजा देने से मनाही कर दी और यह भी जता दिया कि पाक की नापाक मंशा को किसी तरह भारत पर हावी होने नहीं दी जाएगी। भारत, शुरूआत से ही लोकतांत्रिक उसूलों का पुरोधा रहा है और वार्ता से कभी पीछे नहीं हटा है, किन्तु पाक ने हमेशा भारत को इसका सिला आतंकी हमले के तौर पर दिया है। दुनिया के अमेरिका समेत चीन व अन्य सभी देश जानते हैं कि किस तरह पाकिस्तान आतंकियों का शरणगाह है, फिर भी वे कई अवसरों पर तटस्थ रहने का कोशिश करते हैं और भारत के हितों को दरकिनार कर नीति बनाते हैं। पाकिस्तान का आतंकी हमले के दोशी सिद्ध होने के बाद भी अमेरिका व चीन जैसे देशों का रवैया भारत के प्रति रूखा ही रहता है, इसी के चलते भारत का विदेश मंत्रालय भी कुछ सख्त होता नजर आ रहा है, जिसे भारत के लिहाज से ठीक ही कहा जा सकता है। आखिर कब तक उनकी गीदड़ भभकी को भारत दरकिनार करता रहेगा।
मुसर्रफ को भारत आने का वीजा नहीं देने का मामला चर्चा में ही था, वैसे ही चीन ने अपनी शक्तिशाली होने का दंभ भरते हुए यह कहा कि भारत ओस्लो में आयोजित होने वाले नोबेल पुरस्कार समारोह में शामिल न हों। इस बार के नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित ल्युशाओ पो ने चीन में लोकतंत्र बहाली तथा बहुप्रणाली लागू करने को लेकर अभियान चला रखे हैं, इसी कारण से चीन के तानाशाही शासन ने उन्हें जेल में डाल दिया है। फलस्वरूप, भारत भी लोकतंत्र का हिमायती है और उसकी सोच अमन-चैन बहाली की है, ऐसे में भला चीन को कैसे, भारत को मिला आमंत्रण भा सकता था और हुआ वही कि चीन ने समारोह में भारत के शामिल होने पर दबंगाई दिखाई, लेकिन भारत ने उसका एक न सुना और आखिरकार भारतीय राजदूत नोबेल पुरस्कार समारोह में शामिल हुए। इस समारोह का एक दुखद पहलू यही था कि जिन्हें नोबेल पुरस्कार मिलना था, वे ल्यशाओ पो, जेल में बंद होने के कारण नहीं पहुंच सके। साथ ही उनकी पत्नी को भी नजरबंद करने से वे भी ओस्लो नहीं जा सकीं। नोबेल पुरस्कार में इससे पहले एक बार ऐसी स्थिति बनी थी, जब नामांकित जर्मन पत्रकार 1936 में नाजी कैंप कैद होने के कारण पुरस्कार लेने नहीं पहुंच सके थे।
खैर, भारत ने फिलहाल जिस तरह दो दमदार निर्णय लिया है, उससे तो यही लगता है कि भारत को अब दुनिया का कोई भी देश हल्के में ना लें। यह इसलिए भी महत्वपूर्ण हो गया है कि, इससे पहले भारत ने शायद ही कभी इतनी सख्ती बरती हो और दुनिया के शक्तिशाली देशों में शुमार चीन के दबंगई को एक सिरे से खारिज किया हुआ। यहां यह बताना लाजिमी है कि ओस्लो में आयोजित नोबेल पुरस्कार समारोह में चीन के फरमान के आगे दुनिया के दर्जन भर से ज्यादा देशों ने, वहां जाने से किनारा कर लिया। इसे इस दृष्टि से दुर्भाग्य कहा जा सकता है कि क्या ये देश चीन के कहा अनुसार ही शासन चलाते हैं ? या फिर चीन के रहमो-करम पर हैं ? हमारा मानना है कि आर्थिक हालात और कई कूटनीतिक कारणों से कमजोर देश, किसी दबंक देश से तटस्थ रह सकता है, लेकिन ऐसा भी नहीं होना चाहिए, जिससे उन देशों की छवि शर्मसार हो। ओस्लो के समारोह में नहीं जाकर उन देशों ने ऐसा ही कुछ परिचय दिया है, इन्हीं कारणों से चीन जैसे देश इतना मुखर हो पाता है।
ठीक है कि दुनिया में चीन की जनसंख्या सबसे अधिक है और वहां की सैन्य नीति भी अन्य देशों पर हावी है, मगर इसका मतलब यह नहीं होना चाहिए कि कोई भी देश, इस तरह किसी अड़ियल रवैये के समक्ष नतमस्तक हो जाए। जो भी हो, चीन की दादागिरी का जिस तरह भारत ने जवाब दिया है, उसकी जरूरत बनी हुई थी, क्योंकि ऐसा नहीं किए जाने से वे हर बार की तरह ऐसी ही करतूत करने पीछे नहीं हटता। चीन अब भारत और विदेश नीति के बारे में कुछ कहने से पहले निश्चित ही सौ बार सोचेगा और इतने हल्के ढंग से भारत को लेने कभी भी हिम्मत नहीं जुटा पाएगा।
वर्तमान में चीन के प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ, भारत की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। यहां कई नीतियों पर चर्चा होंगी, लेकिन यहां एक बात सामने आ रही है कि आर्थिक उदारीकरण को बढ़ावा देने का ही प्रयास होगा। इस तरह कहा जा सकता है कि उनकी यह यात्रा, शुद्ध व्यापारिक यात्रा है। हालांकि यहां यह भी चर्चा जोरों पर है कि इस यात्रा से भारत-चीन के संबंधों में थोड़ी मिठास तो जरूर आएगी।

राजकुमार साहू
लेखक इलेक्टानिक मीडिया के पत्रकार हैं

जांजगीर, छत्तीसगढ़
मोबा - 098934-94714

Views: 230

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . . . रिश्ते
"रिश्तों की महत्ता और उनकी मुलामियत पर सुन्दर दोहे प्रस्तुत हुए हैं, आदरणीय सुशील सरना…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - गुण
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, बहुत खूब, बहुत खूब ! सार्थक दोहे हुए हैं, जिनका शाब्दिक विन्यास दोहों के…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आदरणीय सुशील सरना जी, प्रस्तुति पर आने और मेरा उत्साहवर्द्धन करने के लिए आपका आभारी…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आदरणीय भाई रामबली गुप्ता जी, आपसे दूरभाष के माध्यम से हुई बातचीत से मन बहुत प्रसन्न हुआ था।…"
8 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"आदरणीय समर साहेब,  इन कुछेक वर्षों में बहुत कुछ बदल गया है। प्रत्येक शरीर की अपनी सीमाएँ होती…"
8 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-168

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
10 hours ago
Samar kabeer commented on रामबली गुप्ता's blog post कुंडलिया छंद
"भाई रामबली गुप्ता जी आदाब, बहुत अच्छे कुण्डलिया छंद लिखे आपने, इस प्रस्तुति पर बधाई स्वीकार करें ।"
15 hours ago
AMAN SINHA posted blog posts
yesterday
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा पंचक. . . . विविध

दोहा पंचक. . . विविधदेख उजाला भोर का, डर कर भागी रात । कहीं उजागर रात की, हो ना जाए बात ।।गुलदानों…See More
yesterday
रामबली गुप्ता posted a blog post

कुंडलिया छंद

सामाजिक संदर्भ हों, कुछ हों लोकाचार। लेखन को इनके बिना, मिले नहीं आधार।। मिले नहीं आधार, सत्य के…See More
Tuesday
Yatharth Vishnu updated their profile
Monday
Sushil Sarna commented on Saurabh Pandey's blog post दीप को मौन बलना है हर हाल में // --सौरभ
"वाह आदरणीय जी बहुत ही खूबसूरत ग़ज़ल बनी है ।दिल से मुबारकबाद कबूल फरमाएं सर ।"
Nov 8

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service