For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आज सुबह मेरे दोस्त ने मुझे फोन किया  और कहा की आज एक विषय पर कहानी लिखो -गरीब की भूख , मुझे थोड़ी हैरानी हुयी, "ये क्या ! आज ये क्या विषय दे दिया 'गरीब की भूख ', ये तो निबन्ध लिखने का विषय है, इस पर कहानी कैसे लिखी जा सकती है "...थोडा विरोध था मन में, मगर जाने क्या हुआ, मैंने सोचा "चलो रहने देते है, देखते है, आज अपनी प्रतिभा को भी आजमाते है .... 
.
उसके बाद मैं अपने कार्यालय के लिये चल पड़ा, मगर आज मन बेचैन था, आखिर गरीब की भूख पर कोई कहानी कैसे लिखी जाये...सोचते सोचते कब मैं अपनी मंजिल तक आ पंहुचा, मुझे पता नहीं चला ... कार्यालय में भी मन नहीं लग रहा था, आखिर सवाल ही ऐसा था, जो मन के साथ साथ दिमाग से भी खेल रहा था... 
.
मैंने कार्यालय में बीमार होने की बात कह, निकल पड़ा गरीबो  की खोज में ..... मैंने तलाश शुरू की, नॉएडा के छोटे छोटे गावों से, कस्बो से .. मगर ये क्या ? यहाँ भी सब अमीर  है, यहाँ भी कोई गरीब नहीं....
तभी मेरे सामने  से एक छोटा बच्चा दौड़ता हुआ आ रहा था , उम्र यही कोई ७-८ साल, सलमान का दीवाना लग रहा था, लोग ६ पैक के लिये जिम जाते है, और मुझे उसके शरीर पर ८ से ज्यादा पैक दिख रहे थे...
मैंने उसे आवाज़ देकर रोका और पूछा "बेटा यहाँ सबसे गरीब इंसान कौन है ? मैं सुबह से भटक रहा हूँ, कोई गरीब ही नहीं दिखाई दे रहा है, क्या दुनिया से गरीबी जा चुकी है या मैं पागलपन के शुरुवाती  दौर में कदम रख रहा हूँ " 
.
बच्चा मेरी बात काटते हुये बोला "ये तो हमारे भगवान  की कृपा है, उनकी वजह से अब कोई गरीब नहीं है, सब अमीर  है ." मैंने गुस्साते  हुये  पूछा "ऐसा कौन सा भगवान आ गया है, जिसने गरीबी को दूर कर दिया, बता लड़के ??" वो भागते हुये गया और एक तस्वीर लेकर आया, किसी नेता की थी, और बोला " यही है हमारे भगवान, जिन्होंने २१ रुपये कमाने वाले को भी अमीरों का दर्ज़ा दे दिया है, अब हम सब अमीर है | खाने के लिये चार दिन से कुछ नहीं मिला, मगर हम अमीर है | कपडे नहीं है शरीर पर, फिर भी हम अमीर है | वो छोडो अंकल, अब तो हम किसी से भीख भी नहीं मांग सकते, आखिर हम भी अमीर जो ठहरे " 
.
मैं बच्चे को देखता ही रह गया और वो नजरो के आगे से भागता हुआ निकल गया ... मैं भी अब गरीबो की तलाश या उनकी भूख को रास्ते में ही छोड, घर आ गया ...
२--४ चाय की चुस्की ली और मन ही मन सोचा जब गरीब ही नहीं रहे तो गरीब की भूख   ... आज का विषय ही बकवास है ........
मौलिक एवं अप्रकाशित 
सुमित नैथानी

Views: 669

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Sumit Naithani on September 3, 2013 at 9:15am

shukriya mahima ji 

Comment by MAHIMA SHREE on August 30, 2013 at 10:31pm

स्वागत है सुमित जी ... बहुत ही शानदार प्रस्तुति ... धाराप्रवाह लेखन ... अंततक आपने बांधे रखा ... ह्रदय तल से आपको बधाई बधाई बधाई ... खूब लिखे  शुभकामनाये .. बहुत अच्छा लगा आप मंच पर आये ...

Comment by Sumit Naithani on August 14, 2013 at 6:06pm

shukriya Saurabh ji ....


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 11, 2013 at 1:02pm

भाई सुमितजी, आपकी कथा को कई अपरिहार्य कारणों से आज देख रहा हूँ. कहानी समाप्त होते ही मुँह से बेसाख़्ता वाह निकल पड़ा. यह आपकी कोई पहली रचना है  --संभवतः -- जो मेरी नज़रों से गुजरी है. आपको आपकी किस्सागोई के लिए दिल से बधाई कह रहा हूँ और इस मंच पर को अपने संप्रेषण का माध्यम बनाने के लिए ढेर सारी शुभकामनाएँ. 

आपसे और सुनने की प्रतीक्षा रहेगी. 

शुभ-शुभ

Comment by Sumit Naithani on August 1, 2013 at 5:05pm

प्रोत्साहन के लिये शुक्रिया विजय जी 

Comment by विजय मिश्र on August 1, 2013 at 12:44pm
अब गरीब सचमुच नहीं दिखेंगे ,गरीबी की जगह गरीबों को मिटाया जा रहा है ,कागज और जमीन दोनों जगहों से बाईमानदारी और इस काम में कायदे और सलीके की कोई कोताही नहीं बरती जा रही .भारत निर्माण का यह एतिहासिक चरण है जो हमारे राजनेता यज्ञनिष्ठा से संपन्न कर रहे हैं .भूख और गरीब का तादात्म नया नहीं किन्तु इसे निबटाने का यह राजकीय ढंग अत्याधुनिक और रोमांचकारी है .कटाक्ष की दिशा सटिक है और इस गंभीर राष्ट्रीय बहस को मंच देने के लिए आपको बधाई सुमितजी .
Comment by Sumit Naithani on August 1, 2013 at 9:46am

Brijesh Ji@ shukriya

Comment by Sumit Naithani on August 1, 2013 at 9:46am

jawahar ji @ shukriya

Comment by बृजेश नीरज on July 31, 2013 at 10:25pm

बहुत ही सुन्दर सुमित जी! हार्दिक बधाई!

Comment by JAWAHAR LAL SINGH on July 31, 2013 at 7:36pm

बहुत सुन्दर सुमित जी!... ये  है कलम का कमाल!... नेता जी हो रहे मालामाल !

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted blog posts
3 hours ago
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted blog posts
3 hours ago
Sushil Sarna posted blog posts
3 hours ago
Nilesh Shevgaonkar posted a blog post

ग़ज़ल नूर की - तो फिर जन्नतों की कहाँ जुस्तजू हो

.तो फिर जन्नतों की कहाँ जुस्तजू हो जो मुझ में नुमायाँ फ़क़त तू ही तू हो. . ये रौशन ज़मीरी अमल एक…See More
3 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-171

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 171 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - गुण
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। दोहों पर उपस्थित और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक धन्यवाद।"
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post समय के दोहे -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"आ. भाई श्यामनाराण जी, सादर अभिवादन।दोहों पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए हार्दिक आभार।"
yesterday
Sushil Sarna commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post दोहा दसक - गुण
"वाहहहहहह गुण पर केन्द्रित  उत्तम  दोहावली हुई है आदरणीय लक्ष्मण धामी जी । हार्दिक…"
Tuesday
Nilesh Shevgaonkar shared their blog post on Facebook
Tuesday
Shyam Narain Verma commented on Nilesh Shevgaonkar's blog post ग़ज़ल नूर की - उस के नाम पे धोखे खाते रहते हो
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Monday
Shyam Narain Verma commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post समय के दोहे -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'
"नमस्ते जी, बहुत ही सुंदर और ज्ञान वर्धक प्रस्तुति, हार्दिक बधाई l सादर"
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' shared their blog post on Facebook
Sunday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service