जब तुम साथ न थे
प्रेम सुप्त पड़ा था
दिल मे दर्द बड़ा था
मरहम था तेरे पास
जब तुम साथ न थे ...............
हर रोज एक आशा
कब होगे मेरे पास,
मेरा दिल तेरे पास
तेरा दिल मेरे पास
जब तुम साथ न थे ..............
राह तकती थी अँखियाँ
सूनी सी थी पगडंडियाँ
न महकती थी फुलवारियाँ
बढ़ती जाती थी दुश्वारियाँ
जब तुम साथ न थे ....................
तेरा मुझको समझाना
जल्द होगा मेरा आना
आँसू आँख एक न लाना
रोज तू यूं ही मुस्काना
जब तुम साथ न थे .................अन्नपूर्णा बाजपेई
मौलिक एवं अप्रकाशित
Comment
आदरणीय जीतेन्द्र जी आपका हार्दिक आभार ।
राह तकती थी अँखियाँ
सूनी सी थी पगडंडियाँ
न महकती थी फुलवारियाँ
बढ़ती जाती थी दुश्वारियाँ
जब तुम साथ न थे ....................आदरणीया अन्नपूर्णा जी , बहुत ही खुबसूरत पंक्ति ...बहुत बहुत बधाई आपको ..
adarniy brijesh ji , adarniy ram shiromani ji apka hardik dhanyvad .
आदरणीया अन्नपूर्णा जी बहुत सुन्दर प्रयास है आपका। आपको हार्दिक बधाई।
आदरणीया सुन्दर रचना****हार्दिक बधाई
आपका हार्दिक आभार आ० श्याम नारायण जी ।
बहुत सुन्दर...बधाई स्वीकार करें ……………… |
apka hardik abhar adarniya Geetika ji .
रचना तो सुंदर है, किन्तु पगने के लिए थोडा और प्रयास चाहती है,,
हार्दिक बधाई स्वीकारें!!
आवश्यक सूचना:-
1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे
2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |
3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |
4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)
5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |
© 2024 Created by Admin. Powered by
महत्वपूर्ण लिंक्स :- ग़ज़ल की कक्षा ग़ज़ल की बातें ग़ज़ल से सम्बंधित शब्द और उनके अर्थ रदीफ़ काफ़िया बहर परिचय और मात्रा गणना बहर के भेद व तकतीअ
ओपन बुक्स ऑनलाइन डाट कॉम साहित्यकारों व पाठकों का एक साझा मंच है, इस मंच पर प्रकाशित सभी लेख, रचनाएँ और विचार उनकी निजी सम्पत्ति हैं जिससे सहमत होना ओबीओ प्रबन्धन के लिये आवश्यक नहीं है | लेखक या प्रबन्धन की अनुमति के बिना ओबीओ पर प्रकाशित सामग्रियों का किसी भी रूप में प्रयोग करना वर्जित है |
You need to be a member of Open Books Online to add comments!
Join Open Books Online