For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

फिर वही गीत दुहराओ प्रिय

 

मन की सूखी धरती पर

कुछ बूंद प्रेम जल छलकाओ प्रिय

वीरान हो चला है हृदय

कुछ प्रेम पुष खिलाओ प्रिय

फिर वही गीत दुहराओ....................

 

भग्न हदय सुप्त मन प्राण

अभिशापित सा हो चला जीवन

गहराती धुंध के बादल

कुछ  रशमियां बिखराओ प्रिय

फिर वही गीत दुहराओ...............अन्नपूर्णा

 

मौलिक एवं अप्रकाशित  

Views: 630

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by annapurna bajpai on August 1, 2013 at 12:30pm

आदरणीय गुरु जी आपका हार्दिक आभार । आपसे यूं ही प्रेरणा मिलती रहे ।


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 1, 2013 at 12:37am

प्रणय का सात्विक निवेदन मुखर हुआ है, सादर धन्यवाद तथा बधाइयाँ.

सादर

https://fbcdn-sphotos-c-a.akamaihd.net/hphotos-ak-ash3/p480x480/26770_386646776024_5172028_n.jpg


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on August 1, 2013 at 12:33am

प्रणय का सात्विक निवेदन मुखर हुआ है. सादर बधाइयाँ.

Comment by annapurna bajpai on July 27, 2013 at 11:22am

आदरणीया शुभांगना जी आपका हार्दिक आभार ।

Comment by शुभांगना सिद्धि on July 26, 2013 at 2:20pm

भग्न हदय सुप्त मन प्राण

अभिशापित सा हो चला जीवन

गहराती धुंध के बादल

कुछ  रशमियां बिखराओ प्रिय,                   सुंदर भावाभिव्यक्ति  

Comment by annapurna bajpai on July 26, 2013 at 12:30pm

आदरणनीया महिमा जी एवं आ० अभि जी  आपका हार्दिक आभार .

Comment by Abhishek Kumar Jha Abhi on July 26, 2013 at 8:46am
बहुत सुन्दर अभिलाषित मन

सुन्दर शब्द संजोये हैं आपने … बहुत ख़ूब

Comment by MAHIMA SHREE on July 25, 2013 at 11:51pm

भग्न हदय सुप्त मन प्राण

अभिशापित सा हो चला जीवन

गहराती धुंध के बादल

कुछ  रशमियां बिखराओ प्रिय

फिर वही गीत दुहराओ......... बहुत ही सुंदर भावाभिव्यक्ति आदरणीया अन्नपूर्णा जी बहुत-२ बधाई आपको

Comment by annapurna bajpai on July 25, 2013 at 4:26pm

आ० आशुतोष मिश्रा जी , एवं आ० लक्ष्मण प्रसाद जी आपका हार्दिक आभार ।

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on July 25, 2013 at 10:47am

सुन्दर प्रणय गीत के लिए बधाई आदरणीया अनुपमा वाजपेयी जी 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
16 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
16 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
19 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
20 hours ago
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
Monday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Jul 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Jul 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service