For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

खा खाकर मोटी हुई,जैसे मोटी भैंस !
मै दुबला होता गया ,मेरे धन पे ऐश !!

सुबह शाम गाली सुनूँ ,हरदम करती चीट !
धोबी का सोटा उठा ,अक्सर देती पीट !!

मै घर का नौकर बना ,झेलूँ बस उपहास !
रूठ विधाता भी गये,जाऊं किसके पास !!

लगे लंकिनी सा मुझे ,उसका भद्दा फेस !
दिन में कितनी बार वॊ,बदले अपना भेष !!

अब तो देखो हद हुई ,झेलूँ कितनी त्रास
घर आते सुनना पड़ा ,करना है उपवास !!

राम शिरोमणि पाठक"दीपक"
मौलिक/अप्रकाशित

Views: 1584

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by ram shiromani pathak on June 30, 2013 at 5:17pm

आदरणीय भाई ब्रिजेश जी इत्ता डरावना कमेन्ट हाहा हाहा //और ऐसी कोई समस्या नहीं है फोबीया हो मेरे दुश्मनों को ///आप है साथ तो काहे का डर//हार्दिक आभार

Comment by बृजेश नीरज on June 30, 2013 at 5:07pm

राम भाई वाह! मजा आया पढ़कर आपके दोहे भी और उस पर हुई चर्चा भी!
एक बात नहीं समझ आयी आप कहते हैं कि आप शादीशुदा नहीं हैं लेकिन आपकी रचनाओं में बार बार स्त्री से मिला भय बार बार छलकता है। पत्नी नहीं है तो यह भय आप आयातित कहां से करते हैं और क्यों? कहीं फोबिया न हो जाए। :)))))))))))))))))))))))))

Comment by ram shiromani pathak on June 30, 2013 at 2:10pm

मुझे लग ही रहा था आदरणीय की कुन्ती दीदी मेरे साथ मज़ाक ही कर रही हैं //हार्दिक आभार


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by sharadindu mukerji on June 30, 2013 at 2:49am

भाई राम शिरोमणि जी, कुंती जी ने आपको डराने का प्रयास कर आपसे विनोद किया है. निर्भय होकर लिखें पूरे आनंद के साथ. आपकी निष्कलुष रचना ने मंच पर फुलझरी की झड़ी लगा दी.....उसके प्रकाश में हम सभी को अपने अंदर झाँकने का अवसर मिला....विद्वानो का साथ मिलना भाग्य की बात है....लाभ अवश्य उठाएँ. शुभकामनाएँ.


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on June 27, 2013 at 9:43pm

भाई रामशिरोमणि जी, आपके माध्यम से मैं सभी पाठकों को सूचित करता हूँ कि आप इस मुआमले में भाग्यशाली हैं कि आपके दोहों पर अक्सर बेहतर बातचीत हुई है और ज्ञानवर्द्धक प्रतिक्रियाएँ आयी हैं. सभी पाठकगण इस मंच पर आपके अबतक प्रस्तुत हुए दोहों पर की प्रतिक्रियाओं से दोहा शिल्प संबन्धी महत्वपूर्ण जानकारियाँ ले सकते हैं. जैसे कि मैं लाभान्वित हुआ हूँ.

शुभम्

Comment by ram shiromani pathak on June 27, 2013 at 9:28pm

प्रणाम सहित हार्दिक आभार आदरणीय सौरभ जी ,आदरणीय गणेश जी ,भाई वीनस जी ,आदरणीया प्राची जी *****

मैंने दोहा लिखते समय यह नहीं सोचा था आप सब का इतना ज्ञानवर्धक कमेन्ट आयेगा //आप सब का कोटि कोटि आभार ///आप सब का स्नेह और आशीर्वाद बना रहे यही ईश्वर से कामना है//सादर

Comment by ram shiromani pathak on June 27, 2013 at 9:16pm

हार्दिक आभार आदरणीया दीदी कुन्ती जी//एक बात पूछनी थी क्या आप चाहती है की आपका अनुज ऐसी तकलीफ झॆले // स्नेह यु ही बनाए रखें //सादर 

Comment by ram shiromani pathak on June 27, 2013 at 9:13pm

हार्दिक आभार आदरणीय विजय निकोर जी// स्नेह यु ही बनाए रखें //सादर

Comment by ram shiromani pathak on June 27, 2013 at 9:11pm

हार्दिक आभार आदरणीय भाई विजय मिश्र जी //स्नेह यु ही बनाए रखें //सादर

Comment by विजय मिश्र on June 27, 2013 at 5:24pm
श्रध्येय राम शिरोमण जी , भाई गजब की रचना रची , देखिए ,ज्ञान गंगा की धार बह निकली , आपने श्रेष्ठों को अभिव्यक्त होने का सुअवसर दिया .बधाई के पात्र हैं,स्वीकारें.

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-166

परम आत्मीय स्वजन,ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 166 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का…See More
5 hours ago
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ पचपनवाँ आयोजन है.…See More
5 hours ago
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"तकनीकी कारणों से साइट खुलने में व्यवधान को देखते हुए आयोजन अवधि आज दिनांक 15.04.24 को रात्रि 12 बजे…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, बहुत बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"आदरणीय समर कबीर जी हार्दिक धन्यवाद आपका। बहुत बहुत आभार।"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जय- पराजय ः गीतिका छंद जय पराजय कुछ नहीं बस, आँकड़ो का मेल है । आड़ ..लेकर ..दूसरों.. की़, जीतने…"
Sunday
Samar kabeer replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"जनाब मिथिलेश वामनकर जी आदाब, उम्द: रचना हुई है, बधाई स्वीकार करें ।"
Sunday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर posted a blog post

ग़ज़ल: उम्र भर हम सीखते चौकोर करना

याद कर इतना न दिल कमजोर करनाआऊंगा तब खूब जी भर बोर करना।मुख्तसर सी बात है लेकिन जरूरीकह दूं मैं, बस…See More
Saturday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"मन की तख्ती पर सदा, खींचो सत्य सुरेख। जय की होगी शृंखला  एक पराजय देख। - आयेंगे कुछ मौन…"
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-162
"स्वागतम"
Saturday
PHOOL SINGH added a discussion to the group धार्मिक साहित्य
Thumbnail

महर्षि वाल्मीकि

महर्षि वाल्मीकिमहर्षि वाल्मीकि का जन्ममहर्षि वाल्मीकि के जन्म के बारे में बहुत भ्रांतियाँ मिलती है…See More
Apr 10
Aazi Tamaam posted a blog post

ग़ज़ल: ग़मज़दा आँखों का पानी

२१२२ २१२२ग़मज़दा आँखों का पानीबोलता है बे-ज़बानीमार ही डालेगी हमकोआज उनकी सरगिरानीआपकी हर बात…See More
Apr 10

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service