For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

दास्ताँ इक तुम्हे सुनानी है

दास्ताँ इक तुम्हे सुनानी है

आज पीने को मय पुरानी है 

मेरी आँखों में सूनापन सा है

सूनेपन की कोई कहानी है

राजा रानी हों जरूरी तो नहीं

इक कहानी तो बस कहानी है

आँखों आँखों से बात की जाए

आज तबियत जरा रूमानी है

बिखरी साँसें यहाँ फिजाओं में

गुमशुदा इनमे इक जवानी है

मेरी आँखों में झांककर देखो

इसमें पागल कोई दीवानी है

तेरी राहों में फूल जैसे बिछे

तू कदम रख दे मेहरवानी है

तू नहीं है तो कोई रंज नहीं

पास मेरे तेरी निशानी है

जाम ठुकरा के न जाओ “आशु”

कतरे-कतरे में जिंदगानी है

(मौलिक व अप्रकाशित) 

डॉ आशुतोष मिश्र , आचार्य नरेन्द्र देव कॉलेज ऑफ़ फार्मेसी बभनान,गोंडा, उत्तरप्रदेश मो० ९८३९१६७८०१

 

Views: 622

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by वीनस केसरी on June 19, 2013 at 9:51am

आँखों आँखों से बात की जाए

आज तबियत जरा रूमानी है

बिखरी साँसें यहाँ फिजाओं में

गुमशुदा इनमे इक जवानी है

क्या कहने जनाब वाह वा 
ढेरों दाद क़ुबूल फरमाएं ....

Comment by Priyanka singh on June 14, 2013 at 9:38pm

बहुत सुंदर......बधाई

Comment by Dr Ashutosh Mishra on June 14, 2013 at 3:11pm

vijayshree jee hardik dhnywaad 

Comment by vijayashree on June 14, 2013 at 1:15pm

.....कहानी तो बस कहानी है .......

..........कतरे कतरे में जिंदगानी है ........

 

सुंदर प्रस्तुति ........बधाई

Comment by Dr Ashutosh Mishra on June 14, 2013 at 12:46pm

हार्दिक धन्यवाद कुंती जी 

Comment by coontee mukerji on June 14, 2013 at 1:08am

दिल से  निकली बहुत सुंदर दास्तान / सादर / कुंती

Comment by Dr Ashutosh Mishra on June 12, 2013 at 10:59pm

dhnywaad vijay jee 

Comment by विजय मिश्र on June 12, 2013 at 6:25pm

"...... कतरे-कतरे में जिंदगानी है "  - बधाई इस सुंदर भाव केलिए .

Comment by Dr Ashutosh Mishra on June 12, 2013 at 5:42pm

गीतिका जी हौसला आफजाई के लिए शुक्रिया ..सादर 

Comment by वेदिका on June 12, 2013 at 3:45pm

आँखों आँखों से बात की जाए

आज तबियत जरा रूमानी है

 

सुन्दर रचना पर बधाई! 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
17 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
17 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
20 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
21 hours ago
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
Monday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Jul 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Jul 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service