For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

फिर मिलेंगे अगर खुदा लाया

वाह! तरही मुशायरा के इस अंक में क्या ही शानदार, एक से बढ़कर एक गजलें पढने को मिली...आनंद आ गया... सभी गजलकारों को तहेदिल से मुबारकबाद देते हुए मुशायरा के दौरान व्यस्तता की वजह से पोस्ट नहीं हो सकी 'मिसरा ए तरह' पर गजल प्रयास सादर प्रस्तुत...

क्या पता अच्छा या बुरा लाया।

चैन दे, तिश्नगी उठा लाया।

 

जो कहो धोखा तो यही कह लो,

अश्क अजानिब के मैं चुरा लाया।

 

क्यूँ फिजायें धुआँ धुआँ सी हैं,

याँ शरर कौन है छुपा लाया।

 

बाग में या के हों बियाबाँ में,

गुल हों महफूज ये दुआ लाया।

 

लूटा वादा उजालों का करके,

ये बता रोशनी कुजा लाया?

 

मेरा साया मुझी से कहता है,

अक्स ये कैसा बदनुमा लाया।  

 

लो सलाम आखिरी कजा लायी,

फिर मिलेंगे अगर खुदा लाया।

 

हो मेहरबाँ 'हबीब' उसुर मुझपे,                       

इम्तहाँ रोज ही जुदा लाया।

___ मौलिक एवं अप्रकाशित____

सस्वर प्रयास-

सादर

संजय मिश्रा 'हबीब'

Views: 778

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ashok Kumar Raktale on June 6, 2013 at 8:20am

आदरणीय संजय "हबीब" जी बहुत सुन्दर गजल कही है और स्वस्वर सुनकर तो और भी आनन्द आगया. बहुत बहुत बधाई स्वीकारें.

Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on June 2, 2013 at 12:32pm

आदरणीय Saurabh Pandey बड़े भईया, एक से बढ़कर एक गजलें पढने को मिली इस बार के मुशायरे में... उपस्थित न रह सकने का बड़ा दुःख रहा...

आपकी सराहना अलग ही उत्साह भरती और मार्ग प्रशस्त करती हैं...  अनुज का सादर आभार/नमन स्वीकारें

Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on June 2, 2013 at 12:25pm

आदरणीय Laxman Prasad Ladiwala जी, उत्साहवर्धन हेतु सादर आभार स्वीकारें...

Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on June 2, 2013 at 12:24pm

आदरणीया Sarita भाटिया जी, उत्साहवर्धन हेतु सादर आभार स्वीकारें....

Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on June 2, 2013 at 12:23pm

आदरणीय ram shiromani pathak जी, उत्साहवर्धन हेतु सादर आभार स्वीकारें....

Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on June 2, 2013 at 12:22pm

आदरणीय विजय मिश्र जी, जैसा आप अपने विषय में सोचते हैं, मुझे भी 'विधा' की कोई जानकारी नहीं ही है... बस सम्माननीय मित्रों की प्रेरणा से तुकबंदी जैसा कुछ प्रयास किया है... अनगढ़ प्रयास को सराह्कर उत्साहवर्धन करने हेतु सादर आभार स्वीकारें...

Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on June 2, 2013 at 12:17pm

आदरणीय Abhinav Arun जी, उत्साहवर्धन हेतु सादर आभार स्वीकारें...

Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on June 2, 2013 at 12:15pm

आदरणीय vijay nikore जी, उत्साहवर्धन हेतु सादर आभार स्वीकारें....

Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on June 2, 2013 at 12:14pm

आदरणीय Raj Lally Batala भाई जी, उत्साहवर्धन हेतु सादर आभार स्वीकारें....

Comment by Sanjay Mishra 'Habib' on June 2, 2013 at 12:13pm

आदरणीय Kewal Prasad जी, उत्साहवर्धन हेतु सादर आभार स्वीकारें....

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"आदरणीय सौरभ भाई , दिल  से से कही ग़ज़ल को आपने उतनी ही गहराई से समझ कर और अपना कर मेरी मेनहत सफल…"
10 hours ago

सदस्य कार्यकारिणी
गिरिराज भंडारी commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय सौरभ भाई , गज़ाल पर उपस्थित हो उत्साह वर्धन करने के लिए आपका ह्रदय से आभार | दो शेरों का आपको…"
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post तरही ग़ज़ल - गिरिराज भंडारी
"इस प्रस्तुति के अश’आर हमने बार-बार देखे और पढ़े. जो वाकई इस वक्त सोच के करीब लगे उन्हें रख रह…"
13 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on गिरिराज भंडारी's blog post ग़ज़ल -मुझे दूसरी का पता नहीं ( गिरिराज भंडारी )
"आदरणीय गिरिराज भाईजी, बहरे कामिल पर कोई कोशिश कठिन होती है. आपने जो कोशिश की है वह वस्तुतः श्लाघनीय…"
14 hours ago
Aazi Tamaam replied to Ajay Tiwari's discussion मिर्ज़ा ग़ालिब द्वारा इस्तेमाल की गईं बह्रें और उनके उदहारण in the group ग़ज़ल की कक्षा
"बेहद खूबसूरत जानकारी साझा करने के लिए तहे दिल से शुक्रिया आदरणीय ग़ालिब साहब का लेखन मुझे बहुत पसंद…"
yesterday
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-177

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post पूनम की रात (दोहा गज़ल )
"धरा चाँद गल मिल रहे, करते मन की बात।   ........   धरा चाँद जो मिल रहे, करते मन…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post कुंडलिया
"आम तौर पर भाषाओं में शब्दों का आदान-प्रदान एक सतत चलने वाली प्रक्रिया है। कुण्डलिया छंद में…"
Monday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post अस्थिपिंजर (लघुकविता)
"जिन स्वार्थी, निरंकुश, हिंस्र पलों का यह कविता विवेचना करती है, वे पल नैराश्य के निम्नतम स्तर पर…"
Monday
pratibha pande replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"आदरणीय  उस्मानी जी डायरी शैली में परिंदों से जुड़े कुछ रोचक अनुभव आपने शाब्दिक किये…"
Jul 31
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"सीख (लघुकथा): 25 जुलाई, 2025 आज फ़िर कबूतरों के जोड़ों ने मेरा दिल दुखाया। मेरा ही नहीं, उन…"
Jul 30
Admin replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-124 (प्रतिशोध)
"स्वागतम"
Jul 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service