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अंतस के शब्द....हाइकू

हाइकू का प्रथम प्रयास.....
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बिंदी काजल
नर के ही कारण
मैला आँचल
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बहे पसीना
नही चोख मजूरी
मुश्किल जीना
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गुडिया गिट्टी
दानव नर कामी
कर दी मिट्टी
--------
मौलिक व अप्रकाशित

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Comment

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Comment by manoj shukla on May 3, 2013 at 5:51pm
आदर्णीय कुशवाहा जी... स्नेह बनाये रखें... सादर आभार
Comment by PRADEEP KUMAR SINGH KUSHWAHA on May 3, 2013 at 4:58pm

बिंदी काजल
नर के ही कारण
मैला आँचल

सुन्दर प्रस्तुति हेतु बधाई, आदरणीय मनोज जी 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on April 29, 2013 at 3:12pm

अच्छी प्रस्तुति बधाई 

Comment by manoj shukla on April 29, 2013 at 3:11pm
सराहना हेतु पुनः सादर आभार आदर्णीय अशोक जी
Comment by manoj shukla on April 29, 2013 at 3:08pm
आपका हार्दिक आभार आदर्णीय राजेश जी ....
Comment by राजेश 'मृदु' on April 29, 2013 at 2:06pm

हाइकु आप निश्चित रूप से बहुत अच्‍छा लिखेंगें, आपके सारे हाइकु पसंद आए, सादर

Comment by Ashok Kumar Raktale on April 28, 2013 at 11:28pm

सुन्दर प्रयास भाई जी.सादर बधाई स्वीकारें.

Comment by manoj shukla on April 28, 2013 at 4:20pm
आदर्णीय अशोक जी सादर आभार आपका..... आपके बताये नियमानुसार मैने अपने पोस्ट मे कुछ परिवर्तन कर दिया....आगे और अच्छा प्रयास करेंगे...आपका हार्दिक आभार
Comment by Ashok Kumar Raktale on April 28, 2013 at 9:01am

भाई मनोज जी सादर, आपके हाइकु इस विधान पर खरे नहीं उतरते. इसका बिलकुल सीधा सा विधान है और इसमें 5-7-5 वर्णों की पंक्तियाँ होती है.शेष जानकारी भी मंच पर कई बार साझा की गयी है. 

गुडिया गिट्टी................5
दानव नर कामी.............7
कर दी मिट्टी...............5........मात्र यह एक हाइकु मात्रा के मान से सही लिखा है.

Comment by manoj shukla on April 28, 2013 at 8:39am
आदर्णीय केवल जी आपका हार्दिक आभार

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