For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

'हौले हौले बह समीर मेरा लल्ला सोता है '

'हौले हौले बह समीर मेरा लल्ला सोता है '



हौले हौले बह समीर मेरा लल्ला सोता है ,
मीठी निंदिया के अर्णव में खुद को डुबोता है .
हौले हौले बह समीर मेरा लल्ला सोता है !

मखमल सा कोमल है लल्ला नाम है इसका राम ,
मैं कौशल्या वारी जाऊं सुत मेरा भगवान ,
ऐसा सुत पाकर हर्षित मेरा मन होता है !
हौले हौले बह समीर मेरा लल्ला सोता है !

मुख की शोभा देख राम की चन्द्र भी है शर्माता ,
मारे शर्म के हाय ! घटा में जाकर है छिप जाता ,
फिर चुपके से मुख दर्शन कर धीरज खोता है !
हौले हौले बह समीर मेरा लल्ला सोता है !

स्वप्न अनेकों देख रहा है सुत मेरा निंद्रा में ,
अधरों पर मुस्कान झलकती राम के क्षण क्षण में ,
मधुर स्वप्न के पुष्पों को माला में पिरोता है !
हौले हौले बह समीर मेरा लल्ला सोता है !

शिखा कौशिक 'नूतन'
मौलिक व् अप्रकाशित

Views: 464

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Ashok Kumar Raktale on April 23, 2013 at 1:18pm

सुन्दर रचना.

Comment by shikha kaushik on April 20, 2013 at 2:31pm
utsahvardhak tippani hetu coontee ji ,kewal ji v shyam ji -hardik aabhar
Comment by Shyam Narain Verma on April 20, 2013 at 10:07am

BAHOT KHOOB...........

Comment by केवल प्रसाद 'सत्यम' on April 20, 2013 at 9:42am

आ0 शिखा कौशिक जी,अतिसुन्दर प्रस्तुति,  हार्दिक बधाई स्वीकारें।  सादर,

Comment by coontee mukerji on April 20, 2013 at 12:59am

राम नवमी के अवसर पर बहुत सुंदर सौगात . लोरी तो जैसे हम भूल ही गाये हैं . अति सुंदर भाई कौशिक जी . बधाई स्वीकार करें .

सादर  , कुंती .

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Sushil Sarna commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
Tuesday
नाथ सोनांचली commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post नूतन वर्ष
"आद0 सुरेश कल्याण जी सादर अभिवादन। बढ़िया भावभियक्ति हुई है। वाकई में समय बदल रहा है, लेकिन बदलना तो…"
Tuesday
नाथ सोनांचली commented on आशीष यादव's blog post जाने तुमको क्या क्या कहता
"आद0 आशीष यादव जी सादर अभिवादन। बढ़िया श्रृंगार की रचना हुई है"
Tuesday
नाथ सोनांचली commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post मकर संक्रांति
"बढ़िया है"
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' posted a blog post

मकर संक्रांति

मकर संक्रांति -----------------प्रकृति में परिवर्तन की शुरुआतसूरज का दक्षिण से उत्तरायण गमनहोता…See More
Tuesday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

नए साल में - गजल -लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर'

पूछ सुख का पता फिर नए साल में एक निर्धन  चला  फिर नए साल में।१। * फिर वही रोग  संकट  वही दुश्मनी…See More
Tuesday
सुरेश कुमार 'कल्याण' commented on सुरेश कुमार 'कल्याण''s blog post नूतन वर्ष
"बहुत बहुत आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी "
Monday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Sushil Sarna's blog post दोहा पंचक. . . . .
"आ. भाई सुशील जी, सादर अभिवादन। अच्छे दोहे हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"आ. भाई अखिलेश जी, सादर अभिवादन। दोहों पर मनोहारी प्रतिक्रिया के लिए हार्दिक आभार।"
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय जी "
Sunday
Sushil Sarna replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"सृजन के भावों को मान देने का दिल से आभार आदरणीय लक्ष्मण धामी जी , सहमत - मौन मधुर झंकार  "
Sunday
अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-170
"इस प्रस्तुति पर  हार्दिक बधाई, आदरणीय सुशील  भाईजी|"
Sunday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service