For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

माँ तुम ममता का मूर्त रूप
तुम सतरंगी स्नेह -आँचल
तुम मंदिर प्रांगन सी पवित्र
तुम पावन -पुनीत गंगाजल
टेढ़ा -मेढ़ा विकट जीवन जगत
तुम सीधी-सादी सरल प्रांजल
छल ,छदम ,कपट चारों तरफ़
माँ तेरी गोदी निर्मल ,निश्छल
पावक ,अनल सामान जीवन
तुम चन्दन की छाया शीतल
तेरे आशीषों की ज्योत्सना से
पथ मेरा नित -नित उज्जवल
पाने तेरा वात्सल्य सोम -सुधा
ज़न्म-ज़न्म पी लूँ जीवन गरल
तेरी कोख पाने की अभिलाषा में
स्वयं -भू भी है आतुर प्रतिपल
मेरी पुस्तक "एक कोशिश रोशनी की ओर "से

Views: 677

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by asha pandey ojha on May 8, 2010 at 9:57pm
Preetam ji,Ganesg bhaiya &Admin ji..ma..ko ek din kya tmam jindgee arpan ..par aaj ise post karne ka mtlab tha ki maa ke charno ka ek baar punh smran..aap sabhee ko mmtr divas kee bahut bahut shubh kamnayen..!
Comment by Admin on May 8, 2010 at 8:47pm
"माँ" एक छोटा सा शब्द, लेकिन इस छोटे से शब्द मे ममता का ऐसा समुन्द्र समाया है जिसको थाह पाना हम सबके बस मे नही है, हालाकि प्रत्येक दिन ही माँ को समर्पित है फिर भी एक खाश दिन को माँ को विशेष रुप से समर्पित करना अच्छा है, तथा इस खाश दिन पर आपकी खाश कविता बहुत ही प्यारा है, बहुत बहुत धन्यबाद है आपको यह कविता पोस्ट करने पर ।

मुख्य प्रबंधक
Comment by Er. Ganesh Jee "Bagi" on May 8, 2010 at 5:38pm
तुम मंदिर प्रांगन सी पवित्र
तुम पावन -पुनीत गंगाजल
टेढ़ा -मेढ़ा विकट जीवन जगत
तुम सीधी-सादी सरल प्रांजल

आशा दिदी, मदर डे के अवसर पर माँ को समर्पित यह कविता अत्यन्त ही प्रसंसनीय है, बहुत ही खुबसुरत रचना है,
Comment by PREETAM TIWARY(PREET) on May 8, 2010 at 5:35pm
bahut badhiya likha hai aapne didi......
माँ तुम ममता का मूर्त रूप
तुम सतरंगी स्नेह -आँचल
तुम मंदिर प्रांगन सी पवित्र
तुम पावन -पुनीत गंगाजल
Comment by asha pandey ojha on May 8, 2010 at 4:21pm
Aapka bahut bahut aabhar Ravi Kumar ji ..!
Comment by Rash Bihari Ravi on May 8, 2010 at 4:07pm
माँ तुम ममता का मूर्त रूप
तुम सतरंगी स्नेह -आँचल
तुम मंदिर प्रांगन सी पवित्र
तुम पावन -पुनीत गंगाजल
टेढ़ा -मेढ़ा विकट जीवन जगत
तुम सीधी-सादी सरल प्रांजल
छल ,छदम ,कपट चारों तरफ़
माँ तेरी गोदी निर्मल ,निश्छल
man ko mugdh karte sabd bahut badhia

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-186

ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरे के 186 वें अंक में आपका हार्दिक स्वागत है | इस बार का मिसरा आज के दौर के…See More
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"  क्या खोया क्या पाया हमने बीता  वर्ष  सहेजा  हमने ! बस इक चहरा खोया हमने चहरा…"
Sunday
Chetan Prakash replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"सप्रेम वंदेमातरम, आदरणीय  !"
Sunday
Admin added a discussion to the group चित्र से काव्य तक
Thumbnail

Re'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 174

आदरणीय काव्य-रसिको !सादर अभिवादन !!  ’चित्र से काव्य तक’ छन्दोत्सव का यह एक सौ…See More
Saturday
Admin replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181
"स्वागतम"
Friday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
Dec 12
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Dec 10
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service