For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आपकी नज़रें इनायत हो गई,
दूर बरसों की, शिकायत हो गई ।

आप हैं तो धडकनों में गीत है,
जिंदगी जैसे, रवायत हो गई ।

बात उनकी मानना बस!फ़र्ज़ है,
जो, जहाँ, जैसी, हिदायत हो गई ।

आपकी खामोशियों को देखकर,
बात अपनी बस! हिकायत हो गई |

फूल सी लम्बी थी उनकी जिंदगी,
साँस लेने में, किफायत हो गई |

मेरी नज़रों का ,करें वो शुक्रिया,
खूबसूरत वो, निहायत हो गई ।

बात टेढ़ी कब,  तलक रहती भला,
सादगी बोली, हिमायत हो गई |

  • अविनाश बागडे

Views: 610

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by AVINASH S BAGDE on March 16, 2013 at 9:18pm
Comment by AVINASH S BAGDE on March 16, 2013 at 9:15pm

Aarti Sharma...DHANYWAD...MAM.

Comment by Vivek Shrivastava on February 8, 2013 at 7:51pm

सर क्या बात हैं आप तो यहाँ भी छाये हुए हैं .....खूबसूरत गज़ल सर 

Comment by Ashok Kumar Raktale on February 3, 2013 at 10:37pm

मेरी नज़रों का ,करें वो शुक्रिया,
खूबसूरत वो, निहायत हो गई ।........वाह वाह.

बहुत खूब आदरणीय अविनाश जी सारे अशार ही दाद के काबिल खुबसूरत गजल पर  सादर बधाइयां कबूलें.


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on February 3, 2013 at 11:55am

मेरी नज़रों का ,करें वो शुक्रिया,
खूबसूरत वो, निहायत हो गई ।

शुक्रिया अविनाश जी, इस शानदार गज़ल के लिए बधाई.............

Comment by vijay nikore on February 3, 2013 at 8:15am

गज़ल बहुत ही अच्छी लगी।

विजय निकोर


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on February 3, 2013 at 6:50am

ग़ज़ल के अश’आर सुन्दर बने हैं.. . दाद कुबूल करें, आदरणीय अविनाश भाई..

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on February 2, 2013 at 7:18pm

वाह वाह वाह क्या बात है सर जी .............बहुत बहुत बधाई

Comment by ram shiromani pathak on February 2, 2013 at 6:49pm

..बहुत खूब सर..बधाई 

Comment by लक्ष्मण रामानुज लडीवाला on February 2, 2013 at 4:41pm

आपकी नज़रें इनायत हो गई,
दूर बरसों की, शिकायत हो गई ।---बहुत खूब 

बहुत सुन्दर गजल बधाई श्री अविनाश बागडे जी 
शिकायत तो आपसे थी नहीं कोई 
गजल पढ़ मलाल न अब रहा कोई 

 

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity


सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey commented on Saurabh Pandey's blog post कौन क्या कहता नहीं अब कान देते // सौरभ
"आदरणीय रवि भाईजी, आपके सचेत करने से एक बात् आवश्य हुई, मैं ’किंकर्तव्यविमूढ़’ शब्द के…"
7 hours ago
Admin posted a discussion

"ओ बी ओ लाइव महा उत्सव" अंक-181

आदरणीय साहित्य प्रेमियो, जैसाकि आप सभी को ज्ञात ही है, महा-उत्सव आयोजन दरअसल रचनाकारों, विशेषकर…See More
Wednesday
anwar suhail updated their profile
Dec 6
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

न पावन हुए जब मनों के लिए -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

१२२/१२२/१२२/१२****सदा बँट के जग में जमातों में हम रहे खून  लिखते  किताबों में हम।१। * हमें मौत …See More
Dec 5
ajay sharma shared a profile on Facebook
Dec 4
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"शुक्रिया आदरणीय।"
Dec 1
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, पोस्ट पर आने एवं अपने विचारों से मार्ग दर्शन के लिए हार्दिक आभार।"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार। पति-पत्नी संबंधों में यकायक तनाव आने और कोर्ट-कचहरी तक जाकर‌ वापस सकारात्मक…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब। सोशल मीडियाई मित्रता के चलन के एक पहलू को उजागर करती सांकेतिक तंजदार रचना हेतु हार्दिक बधाई…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"सादर नमस्कार।‌ रचना पटल पर अपना अमूल्य समय देकर रचना के संदेश पर समीक्षात्मक टिप्पणी और…"
Nov 30
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदाब।‌ रचना पटल पर समय देकर रचना के मर्म पर समीक्षात्मक टिप्पणी और प्रोत्साहन हेतु हार्दिक…"
Nov 30
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-128 (विषय मुक्त)
"आदरणीय शेख शहज़ाद उस्मानी जी, आपकी लघु कथा हम भारतीयों की विदेश में रहने वालों के प्रति जो…"
Nov 30

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service