For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

छन्न पकैया : अविनाश बागडे

छन्न पकैया छन्न पकैया ,पढ़ते दांत पहाडा।
खड़ा हुआ है सर के ऊपर , डंडा लेकर जाड़ा।।

छन्न पकैया छन्न पकैया,पार तभी हो नाव।
सर्द हवा के बीच रात में, जलता रहे अलाव।।

छन्न पकैया छन्न पकैया,ठिठुर रहें फुटपाथ।
काली कुतिया साथ ठिठुरती,सोती है जो साथ।।

छन्न पकैया छन्न पकैया,नहीं गल रही दाल।
शीत युद्ध के चलते पहनो,स्वेटर मफलर शाल।।

छन्न पकैया छन्न पकैया,सड़कें हैं सुनसान।
ऊपर वाले का कर्फ्यू है ,लो अच्छे से जान।।

छन्न पकैया छन्न पकैया,कहता है अविनाश।
कोहरा इतना गहरा है कि ,दिखे नहीं आकाश।

  • अविनाश बागडे

Views: 2164

Facebook

You Might Be Interested In ...

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Dr.Ajay Khare on December 17, 2012 at 2:17pm

chann pakiya chann pakiya so jao pi ke madira chat jayegi kohra dhundh chat jayenge badra .chan pakaiya sunder rachana badhai Avinash ji 


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on December 17, 2012 at 10:04am

छन्न पकैया छन्न पकैया,ठिठुर रहें फुटपाथ।
काली कुतिया साथ ठिठुरती,सोती है जो साथ।।----सभी छन्न पकैया सर्दी में  खूब पक  रहे हैं ---इस छन्न पकैया में सोती उनके साथ करें तो बेहतर भाव बनेगा वरना सोचनेवाले कुछ और भी सोच सकते हैं :):)

Comment by CA (Dr.)SHAILENDRA SINGH 'MRIDU' on December 16, 2012 at 10:02pm

बहुत ही उम्दा छन्न पकैया लिखे हैं आदरणीय अविनाश सर, हार्दिक बधाई स्वीकार करें


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by अरुण कुमार निगम on December 16, 2012 at 9:26pm

भाई अविनाश जी , जाड़े पर बेहतरीन दृश्य खिंच कर छन्न पकैया लिखे है, मजा आ गया, वाह !!!!!!!!!
छन्न पकैया ,छन्न पकैया , वाह वाह अविनाश
अंगीठी के निकट बैठ कर,आओ खेलें ताश ।।

Comment by SUMAN MISHRA on December 16, 2012 at 1:49pm

mast ho gaye ham to padhkar.....har pankti gahre arth ke saath badahi


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Saurabh Pandey on December 16, 2012 at 1:29pm

’छन्न पकैया’ के राग पर आपने ठंढ का अच्छा गीत गाया है, अविनाश भाईजी.

हार्दिक शुभकामनाएँ

Comment by अरुन 'अनन्त' on December 16, 2012 at 1:18pm

आदरणीय सर जाड़े का सम्पूर्ण विवरण समाहित है, सुन्दर प्रस्तुति बधाई स्वीकारें

Comment by Anwesha Anjushree on December 16, 2012 at 12:18pm

:)

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on December 16, 2012 at 11:05am

बहुत सुन्दर छन्न पकैया पकाई है सर जी
सादर प्रणाम सहित ढेरों बधाई

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"छिपन छिपाई खेलता,सूूरज मेघों संग। गर्मी के इस बार कुछ, नर्म लग रहे रंग।। -- पथिक थका रवि से कहे, मत…"
1 hour ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"  तू जो मनमौजी अगर, मैं भी मन का मोर आ रे, सूरज आजमा, किसमें कितना जोर     मूरख…"
7 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आपकी कोशिशों पर तो हम मुग्ध हैं, शिज्जू भाई ! आप नाहक ही छंदों से दूर रहा करते हैं.  किसको…"
9 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"दोहा आधारित एक रचना: प्यास बुझाएँगे सदा सूरज दादा तुम तपो, चाहे जितना घोर, तुम चाहो तो तोड़ दो,…"
9 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय अशोक भाई साहब, सदा की भाँति इस बार भी आपकी रचना गहन भाव और तार्किक कथ्य लिए हुए प्रस्तुत…"
10 hours ago

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय लक्ष्मण धामी जी, प्रदत्त चित्र को सार्थक दोहावली से आयोजन का शुभारम्भ हुआ है.  तन…"
10 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"   पैसा है तो पीजिए, वरना रहो अधीर||...........वाह ! वाह ! लाख टके की बात कह दी है आपने.…"
11 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय शिज्जु शकूर जी सादर, प्रदत्त चित्रानुसार सुन्दर दोहे रचे हैं आपने. सच है यदि धूप न हो…"
11 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"    आदरणीय अखिलेश कृष्ण श्रीवास्तव साहब सादर, प्रस्तुत दोहों की सराहना के लिए आपका हृदय…"
11 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"  आदरणीय अजय गुप्ता जी सादर, प्रस्तुत दोहों पर उत्साहवर्धन के लिए आपका हृदय से आभार. आपकी…"
11 hours ago
Ashok Kumar Raktale replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"  जी ! भाई लक्ष्मण धामी जी आप जो कह रहे हैं मन के मार्फ़त या दिल के मार्फ़त उस बात को मैं समझ…"
11 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 167 in the group चित्र से काव्य तक
"आ. भाई अशोक जी, सादर अभिवादन। प्रदत्त चित्रानुसार उत्तम छंद हुए हैं। हार्दिक बधाई।"
11 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service