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हाल अच्छा बताना पड़ेगा

हाल कैसा भी हो, पर जहाँ को,
हाल अच्छा बताना पड़ेगा |
अश्क पलकों पे ठहरे जो आकर,
हैं ख़ुशी के, बताना पड़ेगा ||

दिल है तोडा किसी बेवफा ने,
यह न कहना, ज़माना हसेगा |
है यही वक़्त का अब तकाज़ा,
दर्द, दिल में छुपाना पड़ेगा ||

साथ जी लेंगे, पर न मरेंगे,
बात सच्ची है, मत भूल जाना |
झूठ को झूठ कहना पड़ेगा,
सच को सच ही बताना पड़ेगा ||

फिर मिलेंगे ये वादा न करना,
ज़िन्दगी का भरोसा नहीं है |
वरना दोज़ख नुमाँ इस ज़मीं पर,
लौट कर फिर से आना पड़ेगा ||

किस जहाँ में ‘शशि’ तुम हो रहते,
क्यूँ हैं सब तुमको दीवाना कहते |
तुम तो कहते थे दुनियाँ को इक दिन,
मेरे रस्ते पे आना पड़ेगा ||

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Comment

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Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on October 5, 2012 at 9:51am

बहुत सुन्दर सर जी
सच है हाल अच्छा बताना पड़ेगा
बधाई हो आपको


सदस्य कार्यकारिणी
Comment by rajesh kumari on October 4, 2012 at 8:43pm

बहुत खूब--- सुन्दर भाव  बधाई आपको 

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