For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

देशवासियों को बधाई.........सुशील का अभिनन्दन !

हरियाणा के लाल ने दिया ख़ूब परिणाम
सारे जग में कर दिया, हिन्दुस्तां का नाम
हिन्दुस्तां का नाम, रजत कुश्ती में पाया
लन्दन में जा भारत का दमख़म दिखलाया
देशवासियों!आज झूम के ढोल बजाणा
ओलम्पिक में चमका भारत का हरियाणा

जय हिन्द !
-अलबेला खत्री

Views: 603

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by Albela Khatri on August 16, 2012 at 11:52pm

आदरणीय भाई जी,
एक ऑडियो/वीडियो  अल्बम  बाना रहा हूँ...उसके लिए कल मुम्बई में रेकॉर्डिंग है . थोड़ा सा व्यस्त हूँ..........लेकिन यहाँ आने का मोह नहीं छोड़ पाया...........

हा हा हा हा ओ बी ओ चीज ही ऐसी है .........इसके बिना अब रहा नहीं जाता .....साईट न हुई, महबूबा हो गई....हा हा हा

Comment by UMASHANKER MISHRA on August 16, 2012 at 11:37pm

अलबेला जी कहाँ हो आपके बिना .....ब्लड प्रेसर बड़ा हुवा है भाई आपके बिना ...सबकुछ निराश पूर्ण है

दर्शन दो द्वारकाधीश   .... हमारी अँखियाँ प्याशी रे ....................

Comment by Albela Khatri on August 16, 2012 at 7:30pm

भाई साहेब भागते भूत की लंगोटी ही सही.........कुछ तो हाथ लगा ....अपन तो संतोषी जीव हैं...थोड़े में ही ख़ुश हो लेते हैं  हा हा हा हा

आपने  ध्यान दिया ...आपको लाख लाख धन्यवाद

सादर

Comment by SURENDRA KUMAR SHUKLA BHRAMAR on August 16, 2012 at 6:42pm

आदरणीय अलबेला भाई जी  जय श्री राधे ..मेरी तरफ से भी सुशील जी को हार्दिक शुभ कामनाएं बड़ी तमन्ना से हम भी देख रहे थे पटखनिया लगातार जब जीते तो सब बोलने लग गए थे की अब कोई इन्हें हरा नहीं पायेगा लेकिन जापान चीन का जिमनास्ट और फुर्ती हमें शक में लपेटे थी और वही हो गया  

फिर भी बहुत सुन्दर हुआ लख लख बधाईयाँ   
भ्रमर ५ 
Comment by UMASHANKER MISHRA on August 13, 2012 at 11:19pm

ओलम्पिक- तो ऐसे शर्मनाक थी .....चलो नहीं मामा से काना मामा ही अच्छा है

वस्तुतः कुस्ती मेरा प्रिय खेल है इसलिए मुझे तो सुशील  कुमार पर नाज़ है

१०० करोड से अधिक आबादी वाले इस देश में खेल को नेताई राहुओं ने ग्रश रखा है

अपने अपने खलपट खिलाडियों को चुन कर भेज दिया लन्दन की सैर करने

देशवासियों!आज झूम के ढोल बजाणा
ओलम्पिक में चमका भारत का हरियाणा.... देशप्रेम प्रेम पूर्ण अभिव्यक्ति के लिए हार्दिक बधाई

Comment by कुमार गौरव अजीतेन्दु on August 13, 2012 at 12:55pm
अलबेला भैया का हर काम अनोखा।
हींग लगे न फिटकिरी, रंग चोखा।।
बधाई बड़े भैया।

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Blogs

Latest Activity

Chetan Prakash commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"छोटी बह्र  में खूबसूरत ग़ज़ल हुई,  भाई 'मुसाफिर'  ! " दे गए अश्क सीलन…"
2 hours ago
Chetan Prakash commented on Sushil Sarna's blog post दोहा सप्तक. . . नजर
"अच्छा दोहा  सप्तक रचा, आपने, सुशील सरना जी! लेकिन  पहले दोहे का पहला सम चरण संशोधन का…"
3 hours ago
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on Saurabh Pandey's blog post कापुरुष है, जता रही गाली// सौरभ
"आ. भाई सौरभ जी, सादर अभिवादन। सुंदर, सार्थक और वर्मतमान राजनीनीतिक परिप्रेक्ष में समसामयिक रचना हुई…"
7 hours ago
Sushil Sarna posted a blog post

दोहा सप्तक. . . नजर

दोहा सप्तक. . . . . नजरनजरें मंडी हो गईं, नजर बनी बाजार । नजरों में ही बिक गया, एक जिस्म सौ बार…See More
yesterday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' posted a blog post

बाल बच्चो को आँगन मिले सोचकर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"

२१२/२१२/२१२/२१२ ****** घाव की बानगी  जब  पुरानी पड़ी याद फिर दुश्मनी की दिलानी पड़ी।१। * झूठ उसका न…See More
yesterday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"शुक्रिया आदरणीय। आपने जो टंकित किया है वह है शॉर्ट स्टोरी का दो पृथक शब्दों में हिंदी नाम लघु…"
Sunday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"आदरणीय उसमानी साहब जी, आपकी टिप्पणी से प्रोत्साहन मिला उसके लिए हार्दिक आभार। जो बात आपने कही कि…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"कौन है कसौटी पर? (लघुकथा): विकासशील देश का लोकतंत्र अपने संविधान को छाती से लगाये देश के कौने-कौने…"
Sunday
Sheikh Shahzad Usmani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"सादर नमस्कार। हार्दिक स्वागत आदरणीय दयाराम मेठानी साहिब।  आज की महत्वपूर्ण विषय पर गोष्ठी का…"
Sunday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ. भाई गिरिराज जी , सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और स्नेह के लिए आभार।"
Saturday
लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर' commented on लक्ष्मण धामी 'मुसाफिर''s blog post शेष रखने कुटी हम तुले रात भर -लक्ष्मण धामी "मुसाफिर"
"आ.भाई आजी तमाम जी, सादर अभिवादन। गजल पर उपस्थिति और उत्साहवर्धन के लिए आभार।"
Saturday
Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओबीओ लाइव लघुकथा गोष्ठी" अंक-125 (आत्मसम्मान)
"विषय - आत्म सम्मान शीर्षक - गहरी चोट नीरज एक 14 वर्षीय बालक था। वह शहर के विख्यात वकील धर्म नारायण…"
Saturday

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service