ना करो कोई तफरका लड़के और लड़की में
तुख्मेखल्क बराबर है औरत और आदमी में
जो तुम मार डालोगे अपनीही कोखका जना
तोफिर क्या फर्क रहेगा इंसान और वहशीमें
बेटियाँ तो गुलपाश हैं गुलिस्ताने कुनबा की
फैलतीहैं ये बनके मुश्केबू हज़ार ज़िन्दगी में
ए ज़हालतमें भटकेहुए बिरादर संभल जाओ
तारीकीएतआस्सुबसे निकल आओ रौशनी में
बेटेतो बड़े होके बसा लेते हैं अपना घोंसला
बेटियाँ पोछतीहैं आपके आंसूं खुशीओगमीमें
न होती मरियम तो कहाँ होते इब्नेमरियम
गरचे कि जीसस का पिदर नहीं पैदाइशी में
याद रखो कि बेटी है इब्नः - ए- परवरदिगार
खून उसका है गुनाहेआज़म फेहरिस्तेनबी में
राज़ हम दुआ करते हैं कि लोग हों हस्सास
नूरे बशरीयत हो पैदा अवाम-ओ-आदमी में
© राज़ नवादवी
भोपाल, अपराह्न ०१.०५, २५/०६/२०१२
तुख्मेखल्क- सृष्टि का बीज; गुलपाश- फूलों की वर्षा करने वालीं; गुलिस्ताने कुनबा- परिवार रूपी उद्यान; मुश्केबू- कस्तूरी जैसी सुगंध रखने वाली; ज़हालत- अज्ञान; बिरादर- भाई लोग; तारीकीएतआस्सुबसे- पक्षपात के अँधेरे से; इब्नेमरियम- मरियम का बेटा यानी जीसस क्राईस्ट; पिदर- पिता; पैदाइशी में- उत्पत्ति में; इब्नः- ए-परवरदिगार- ब्रहमांड का भरण पोषण करने वाली की बेटी; गुनाहेआज़म- बहुत बड़ा पाप; फेहरिस्तेनबी- ईशदूत या पैगम्बर के पापों की सूची में; हस्सास- सम्वेदनशील; नूरे बशरीयत- मानवता का प्रकाश; अवाम-ओ-आदमी में- सर्वसाधारण और हर व्यक्ति में.
खास तब्सिरा:
न होती मरियम तो कहाँ होते इब्नेमरियम
गरचे कि जीससका पिदर नहीं पैदाइशी में
(मरियम नहीं होतीं तो जीसस भी नहीं होते, मगर वो बिना किसी इंसानी पिता के ज़रूर पैदा हुए. माँ और बेटी का क्या महत्व है यह इस बात से भी पता चलता है.)
Comment
धन्यवाद भाई अरुण एवं उमाशंकर जी जो आपने पढाने के ज़हमत उठाई!
- राज़ नवादवी
खूबसूरत हास्य गज़ल
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