For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

जीवन तुझसे एक वर माँगू

जीवन तुझसे एक वर माँगू

पाप पुण्य से दूर 

जीवन की समझ माँगू 

एकाकी अगर सत्य हो तो 

तथागत बनने का वर माँगू

आवेश ही एक मात्र  मार्ग हो तो 

दुर्योधन का आवेश पाऊँ

क्षमा ही ध्येय हो तो 

युधिष्ठिर का मन पाऊँ 

समर्पण ही अगर सत्य हो तो 

समर्पण की धुरी पर जो कर्ण पिसा 

मैं भी समर्पित हूँ 

उपेक्षा अगर सत्य हो तो 

एकलव्य सा ध्यान चाहूँ

और 

अगर केशव की वाणी एक मात्र सत्य हो  तो 

चिर शांत हो अर्जुन बन जाऊं

जीवन तुझसे एक वर  माँगू

पाप पुण्य से दूर 

जीवन की समझ  माँगू 

Views: 781

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by arunendra mishra on May 31, 2012 at 8:25pm

योगी जी ...प्रोत्साहन के लिए आभार ...

Comment by arunendra mishra on May 31, 2012 at 8:22pm

संदीप जी ...धन्यवाद् ...कोशिश की है ..!!

Comment by arunendra mishra on May 31, 2012 at 8:21pm

खत्री  जी ...बहुत बहुत धन्यवाद् ....आप जैसे बड़े भाइयो का आशीर्वाद बना रहे ...

Comment by arunendra mishra on May 31, 2012 at 8:19pm

डॉ. प्राजी जी ....आप का अभिवादन पा कर गौरवान्वित हुआ.. धन्यवाद्...!!

 

Comment by Yogi Saraswat on May 31, 2012 at 4:30pm

समर्पण ही अगर सत्य हो तो 

समर्पण की धुरी पर जो कर्ण पिसा 

मैं भी समर्पित हूँ 

उपेक्षा अगर सत्य हो तो 

एकलव्य सा ध्यान चाहूँ

एक एक पंक्ति दमदार , श्री अरुणेन्द्र मिश्र जी !

Comment by SANDEEP KUMAR PATEL on May 31, 2012 at 2:54pm

आपने बहुत उम्दा वर माँगा है जनकल्याण की भावना से ओतप्रोत...

Comment by Albela Khatri on May 31, 2012 at 12:36pm

वाह  अरुणेन्द्र मिश्रा जी वाह !
वाह वाह !
बहुत ही अभिनव रचना  रची आपने_____

समर्पण ही अगर सत्य हो तो 

समर्पण की धुरी पर जो कर्ण पिसा 

मैं भी समर्पित हूँ 

आनन्द आ गया ..बधाई

 


सदस्य टीम प्रबंधन
Comment by Dr.Prachi Singh on May 31, 2012 at 11:34am
जीवन तुझसे एक वर माँगू... बहुत खूबसूरत रचना, 
जीवन की समझ.... जो पाना चाहता है, हर हाल में पा जाता है.
(यहाँ अनंत का भण्डार है, हम जो भी पाना चाहते हैं, जितना पाना चाहते हैं, ज़िंदगी हमें उतना पाने का हर अवसर ज़रूर देती है... )
इस कविता में निहित सोच के लिए हार्दिक बधाई अरुणेन्द्र जी  

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity

Dayaram Methani replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय निलेश नूर जी, नमस्कार। आपकी टिप्पणी के लिए बहुत बहुत धन्यवाद।"
9 seconds ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय चेतन जी नमस्कार  ग़ज़ल का अच्छा प्रयास किया आपने बधाई स्वीकार कीजिए  गुणीजनों की…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय अजेय जी नमस्कार  अच्छी ग़ज़ल हुई है बधाई स्वीकार कीजिए  अमित जी के अच्छे सुझाव से…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय दयाराम जी नमस्कार  अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिए  गुणीजनों के सुझाव…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय कबीर सरजी  बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए  आपको इतने वक़्त बाद पटल पे…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय अमीर जी  बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए  सादर "
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय Nilesh ji बहुत शुक्रिया आपका हौसला अफ़ज़ाई के लिए  बेहतर सुझाव है मतला ख़ूब निखर…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय दिनेश जी नमस्कार  अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिए  गुणीजनों ने ख़ूब सुझाव…"
1 hour ago
Richa Yadav replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय लक्ष्मण जी नमस्कार  अच्छी ग़ज़ल हुई आपकी बधाई स्वीकार कीजिए  गुणीजनों की टिपणियाँ…"
1 hour ago
Euphonic Amit replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"आदरणीय Chetan Prakash जी आदाब। ग़ज़ल के प्रयास पर बधाई स्वीकार करें। आज है आदमी का नकार आदमी महज़…"
2 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"ग़ज़ल तक आने और अपनी प्रतिक्रिया प्रेषित करने के लिए आभार नीलेश जी। बेशक़ शब्दों का क्रम एक बड़ा घटक…"
4 hours ago
अजय गुप्ता 'अजेय replied to Admin's discussion "ओ बी ओ लाइव तरही मुशायरा" अंक-177
"ग़ज़ल पर आने और हौसला बढ़ाने के लिए आभार आदरणीय"
4 hours ago

© 2025   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service