For any Query/Feedback/Suggestion related to OBO, please contact:- admin@openbooksonline.com & contact2obo@gmail.com, you may also call on 09872568228(योगराज प्रभाकर)/09431288405(गणेश जी "बागी")

आत्मावलोकन के क्षणों में

मन मेरे

जब तू जूझता

डूबता , उतराता

फिर थक के बैठ 

किनारे सुस्ताता है

औ तब ये सब 

देख रही होती हैं 

मेरी आँखे 

सबसे परे

उन सारे पलों को

तुझे जीते हुए

औ तभी

विहँस पड़ती हैं

उसी क्षण 

जब उनमें से 

चुन लेता है तू

एक मोती    

18th May2012

Views: 615

Comment

You need to be a member of Open Books Online to add comments!

Join Open Books Online

Comment by MAHIMA SHREE on May 21, 2012 at 9:56pm

अरुण जी .. कविता आपको पसंद आई लिखना सार्थक हुआ .. आपका हार्दिक धन्यवाद

Comment by MAHIMA SHREE on May 21, 2012 at 9:55pm

आदरणीय बागी जी .. कविता आपको अच्छी लगी .. अनुमोदन के लिए हार्दिक धन्यवाद / साभार  

Comment by MAHIMA SHREE on May 21, 2012 at 9:53pm

नीलांश जी . कविता को पसंद करने के लिए आपका ह्रदय से शुक्रिया /आपको भी शुभकामनाये

Comment by MAHIMA SHREE on May 21, 2012 at 9:51pm

आदरणीय सौरभ सर .. रचना  पसंद करने और अनुमोदन  के लिए आभारी हूँ / स्नेह बनाये रखे /

Comment by MAHIMA SHREE on May 21, 2012 at 9:49pm

आदरणीय अशोक सर व् आदरणीया रेखा जी .. उत्साहवर्धन और सराहना के लिए आप सब का ह्रदय से आभारी हूँ

Comment by MAHIMA SHREE on May 21, 2012 at 9:47pm

आदरणीय डॉ सूरज  जी  .. कविता को पसंद करने , बहुमूल्य विचार देने  और सराहने के लिए ह्रदय से आभार ..सधन्यवाद

Comment by MAHIMA SHREE on May 21, 2012 at 9:44pm

....हरी  ओउम  ...भ्रमर सर . आपकी सुंदर सरल विचार और प्रतिक्रिया के लिए ह्रदय से आभारी हूँ .

.स्नेह बनाये रखे धन्यवाद

Comment by MAHIMA SHREE on May 21, 2012 at 9:41pm

आदरणीय जवाहर सर .. आभारी हूँ धन्यवाद आपका

Comment by MAHIMA SHREE on May 21, 2012 at 9:40pm
मैं ये नहीं जनता 
ये छाया या रहस्य वाद है
इतना मैं जानू निर्विवाद है ..

बहुत खूब ,,आदरणीय प्रदीप सर .. आपकी टिपण्णी कभी  तो रचना पे भी भारी पड़ जाती है ...

 अनमोल प्रतिक्रिया के लिए आभारी हूँ .स्नेह बनाये रखे .. सधन्यवाद   

Comment by MAHIMA SHREE on May 21, 2012 at 9:36pm

आदरणीया राजेश दी व् आदरणीया सरिता दी .. कविता पसंद करने के लिए आभारी हूँ , हार्दिक धन्यवाद /

कृपया ध्यान दे...

आवश्यक सूचना:-

1-सभी सदस्यों से अनुरोध है कि कृपया मौलिक व अप्रकाशित रचना ही पोस्ट करें,पूर्व प्रकाशित रचनाओं का अनुमोदन नही किया जायेगा, रचना के अंत में "मौलिक व अप्रकाशित" लिखना अनिवार्य है । अधिक जानकारी हेतु नियम देखे

2-ओपन बुक्स ऑनलाइन परिवार यदि आपको अच्छा लगा तो अपने मित्रो और शुभचिंतको को इस परिवार से जोड़ने हेतु यहाँ क्लिक कर आमंत्रण भेजे |

3-यदि आप अपने ओ बी ओ पर विडियो, फोटो या चैट सुविधा का लाभ नहीं ले पा रहे हो तो आप अपने सिस्टम पर फ्लैश प्लयेर यहाँ क्लिक कर डाउनलोड करे और फिर रन करा दे |

4-OBO नि:शुल्क विज्ञापन योजना (अधिक जानकारी हेतु क्लिक करे)

5-"सुझाव एवं शिकायत" दर्ज करने हेतु यहाँ क्लिक करे |

6-Download OBO Android App Here

हिन्दी टाइप

New  देवनागरी (हिंदी) टाइप करने हेतु दो साधन...

साधन - 1

साधन - 2

Latest Activity


सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर updated their profile
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, मेरे प्रयास को मान देने के लिए हार्दिक आभार.. बहुत बहुत धन्यवाद.. सादर "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"हार्दिक धन्यवाद, आदरणीय। "
yesterday

सदस्य टीम प्रबंधन
Saurabh Pandey replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आपका हार्दिक आभार, आदरणीय"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पांडेय सर, बहुत दिनों बाद छंद का प्रयास किया है। आपको यह प्रयास पसंद आया, जानकर खुशी…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय आदरणीय चेतन प्रकाशजी मेरे प्रयास को मान देने के लिए बहुत बहुत धन्यवाद। हार्दिक आभार। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय चेतन प्रकाश जी, प्रदत्त चित्र पर बढ़िया प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक बधाई। सादर।"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीया प्रतिभा जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करती मार्मिक प्रस्तुति। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
yesterday

सदस्य कार्यकारिणी
मिथिलेश वामनकर replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम जी, प्रदत्त चित्र को शाब्दिक करते बहुत बढ़िया छंद हुए हैं। इस प्रस्तुति हेतु हार्दिक…"
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय दयाराम मथानी जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिये आपका हार्दिक आभार "
yesterday
pratibha pande replied to Admin's discussion 'ओबीओ चित्र से काव्य तक' छंदोत्सव अंक 155 in the group चित्र से काव्य तक
"आदरणीय सौरभ पाण्डेय जी छंदों पर उपस्तिथि और सराहना के लिए आपका हार्दिक आभार "
yesterday

© 2024   Created by Admin.   Powered by

Badges  |  Report an Issue  |  Terms of Service